गलत तरीके से धन जुटा रहा था ग्रोपिटल, सेबी ने लगाई रोक

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सोमवार को एक अंतरिम आदेश पारित कर इसकी जानकारी दी

Sebi

एक कृषि निवेश मंच की अनधिकृत निवेश योजनाओं पर नकेल कसते हुए प्रतिभूति बाजार नियामक सेबी ने कृषि प्रौद्योगिकी मंच साइलो एलएलपी (ग्रोपिटल), संबंधित संस्थाओं और उनके निदेशकों को निवेशकों से धन जुटाने से रोक दिया है. सेबी ने उन्हें अगले आदेश तक प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित भी कर दिया है.

सेबी की सख्ती 

दरअसल, पिछले कुछ समय से सेबी इस तरह अनधिकृत निवेश योजनाओं पर सख्ती बनाए हुए है. सेबी ने ग्रोपिटल पर निवेशकों को धन जुटाने से तो रोका ही है. साथ ही, उन्हें किसी भी तरीके से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी सामूहिक निवेश योजना (सीआईएस) को शुरू करने से बचने का निर्देश दिया गया है. इसके अलावा उन्हें मौजूदा योजनाओं के माध्यम से भागीदारों या निवेशकों से धन इकट्ठा करने से भी रोक दिया गया है.

आदेश हुआ पारित 

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सोमवार को एक अंतरिम आदेश पारित कर इसकी जानकारी दी. साथ ही कहा कि ये निर्देश अगले आदेश तक लागू रहेंगे. नियामक ने अपनी जांच में पाया कि ग्रोपिटल एक ऐसा मंच है जो जनता को कृषि क्षेत्र में विभिन्न निवेश योजनाएं पेश कर रहा है. इसने कृषि क्षेत्र में निवेश के माध्यम से 11 से 14 प्रतिशत की सीमा में निश्चित कर-मुक्त लाभ की पेशकश करने का भी दावा किया है.

जब कोई निवेशक ग्रोपिटल मंच के माध्यम से निवेश करता है, तो निवेशक सीमित दायित्व भागीदारी (एलएलपी) में भागीदार बन जाता है और निवेश की गई राशि को एलएलपी में योगदान के रूप में माना जाता है. जांच में पता चला कि इस उद्देश्य के लिए कई एलएलपी को शामिल किया गया है, जिनके आगे जेडएफ प्रोजेक्ट का नाम जोड़ा गया है, जैसे- जेडएफ प्रोजेक्ट 1 एलएलपी, जेडएफ प्रोजेक्ट 2 एलएलपी और जेडएफ प्रोजेक्ट 3 एलएलपी. सेबी ने पाया कि ग्रोपिटल के बैंक लेखे-जोखे के अनुसार, 31 दिसंबर, 2023 तक उसने विभिन्न स्रोतों से 184 करोड़ रुपये से अधिक जुटाए गए हैं।

Published - January 30, 2024, 08:07 IST