New Gratuity Rules: केंद्र सरकार ने हाल ही में केंद्रीय सिविल सेवा (NPS के तहत ग्रेच्युटी का भुगतान) नियम, 2021 को अधिसूचित किया है. ये ग्रेच्युटी भुगतान नियम उन सभी केंद्र सरकार के कर्मचारियों व Defence Services में काम करने वाले सिविल गवर्नमेंट सर्वेंट्स के लिए लागू होंगे, जो 1 जनवरी 2004 को या उसके बाद सरकारी सेवा में आए हैं. अब बदले हुए नियमों के अनुसार ही केंद्रीय कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी मिलेगी.
गजट नोटिफिकेशन के अनुसार, ग्रेच्युटी के मामले में यह देखा जाएगा कि कोई सरकारी कर्मचारी कब रिटायर हो रहा है या कब रिटायर हुआ है, क्या वह डिस्चार्ज हो चुका है, क्या उसे सर्विस से रिटायर होने की अनुमति मिली है या उसकी मृत्यु हो चुकी है. कर्मचारी के साथ जो भी स्थिति होगी, उसी के अनुसार ग्रेच्युटी का भुगतान होगा.
नए नियम के अनुसार, जिस तारीख को कोई सरकारी कर्मचारी रिटायर होता है या रिटायर होने वाला है या डिस्चार्ज हुआ है या इस्तीफा देने की मंजूरी मिली है, उस दिन को कर्मचारी का लास्ट वर्किंग डे माना जाएगा. अगर किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो वह दिन उसका लास्ट वर्किंग डे माना जाएगा. इसी के अनुसार ही ग्रेच्युटी की कैलकुलेशन होगी.
जानिए कब मिलती है ग्रेच्युटी
-कर्मचारी के पांच वर्ष की क्वालिफाइंग सर्विस पूरी करने के बाद उसे रिटायरमेंट ग्रेच्युटी का लाभ मिलता है.
-रिटायरमेंट के समय ग्रेच्युटी का लाभ मिलता है.
-रिटायरमेंट की उम्र से पहले रिटायरमेंट लिया हो तो ग्रेच्युटी का फायदा मिलता है.
-अगर कर्मचारी Special Voluntary Retirement Scheme में रिटायरमेंट लेता है, तो ग्रेच्युटी का फायदा मिलता है.
-किसी कर्मचारी को केंद्र सरकार की किसी कंपनी या कॉरपोरेशन में जाने की अनुमति मिलने की स्थिति में ग्रेच्युटी का फायदा मिलता है.
कर्मचारी को ग्रेच्युटी का भुगतान उसके कुल मेहनताने (basic pay) के आधार पर होगा. सर्विस में बिताए गए 6 महीने के कुल मेहनताने का एक चौथाई हिस्सा ग्रेच्युटी का होगा. यह अधिक से अधिक कुल मेहनताने का साढ़े 16 गुना तक हो सकती है. यहां कुल मेहनताना का अर्थ है कि सरकारी कर्मचारी रिटायरमेंट से पहले या मृत्यु वाले दिन कितना बेसिक पेमेंट पा रहा था. अगर कर्मचारी डॉक्टर के पद पर तैनात था, तो उसके बेसिक पेमेंट में नॉन-प्रैक्टिसिंग अलाउंस भी जोड़ा जाएगा.