चने की कीमतों में आई जोरदार तेजी की वजह से इस बार त्योहारी सीजन के दौरान बेसन और चना दाल की कीमतें बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. अगस्त के दौरान चने के थोक भाव में करीब 23 फीसद का उछाल आया है. अगस्त की शुरुआत में दिल्ली की लॉरेंस रोड मंडी में चने का भाव 5390 रुपए प्रति क्विंटल था जो गुरुवार को बढ़कर 6,604 रुपए तक पहुंच गया. थोक बाजार में चने की कीमतों में हुई इस बढ़ोतरी का असर रिटेल बाजार में चने की दाल पर दिखा जरूर है, लेकिन रिटेल बाजार में कीमतें उतनी नहीं बढ़ी जितनी थोक बाजार में बढ़ी हैं, ऐसे में आशंका है कि रिटेल बाजार में चना दाल की कीमतों में और तेजी आ सकती है.
अगस्त में चना दाल 11 फीसद हुआ महंगा
अगस्त के दौरान दिल्ली के रिटेल बाजार में चना दाल की कीमतों में करीब 11 फीसद की तेजी आई है. 1 अगस्त को दिल्ली में चना दाल का औसत रिटेल भाव 72 रुपए प्रति किलो था, जो कि 31 अगस्त को बढ़कर 80 रुपए हो गया है. आशंका यह भी जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में बेसन की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है और बेसन महंगा हुआ तो पूरा त्योहार महंगा हो जाएगा.
बीते 2 साल से देश में चने की रिकॉर्ड उपज हो रही है, जिस वजह से देश में चने की सप्लाई को लेकर को फिलहाल ज्यादा चिंता नजर नहीं आ रही, लेकिन जिस तरह से अन्य दालों के भाव बढ़ रहे हैं उसकी वजह से चने की कीमतों में तेजी देखी जा रही है. ऊपर से इस साल खरीफ दालों की खेती पिछड़ने के साथ मौसम भी फसल के अनुकूल नहीं है. जिस वजह से खरीफ दलहन का उत्पादन घटने की आशंका बढ़ गई है और इसी आशंका की वजह से सभी दालों का भाव बढ़ गया है, जो चने की कीमतों को भी हवा दे रहा है.
दलहन की खेती 10 लाख हेक्टेयर से ज्यादा पिछड़ी
खरीफ दालों की खेती की बात करें तो 25 अगस्त तक देशभर में दालों की खेती 10 लाख हेक्टेयर से ज्यादा पिछड़ी हुई दर्ज की गई है, 25 अगस्त तक 117.44 लाख हेक्टेयर में खरीफ दलहन की खेती हुई है जबकि पिछले साल इस दौरान 128.07 लाख हेक्टेयर में फसल लग चुकी थी.