सरकार ने बुधवार को सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र की 300 स्टार्टअप कंपनियों को समर्थन देने के लिए एक कार्यक्रम समृद्ध की शुरुआत की है. इसके तहत सरकार का लक्ष्य 100 यूनिकॉर्न तैयार करना है. यूनिकॉर्न से तात्पर्य ऐसे स्टार्टअप से है जिसका बाजार मूल्यांकन एक अरब डॉलर तक पहुंच गया है. जानकारों का कहना है कि इस कार्यक्रम के तहत स्टार्टअप इकाइयों को शुरुआत में लगने वाली पूंजी, संरक्षण और बाजार तक पहुंच उपलब्ध कराई जाएगी. इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय में विशेष सचिव ज्योति अरोड़ा ने कहा कि प्रोडक्ट इनोवेशन, विकास एवं वृद्धि के लिए मेइटी के स्टार्टअप एक्सेलेटर की अवधारणा (समृद्ध) का विकास सिलिकन वैली के एक्सेलेटर वाई कॉम्बिनेटर की तर्ज पर किया गया है.
आईटी एवं दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि उन्होंने पूर्व में 20 स्टार्टअप इकाइयों को संरक्षण दिया था. वह इनकी संरक्षण जरूरतों को समझते हैं. इन इकाइयों को ऐसे समय सबसे अधिक संरक्षण की जरूरत होती है जबकि उनके विचार को प्रोडक्ट में बदला जाता है. इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से स्टार्टअप कंपनियों को समर्थन देने के लिए कार्यक्रम समृद्ध की शुरुआत की गई है. उन्होंने कहा कि स्टार्टअप के लिए फंड की कमी कोई बड़ा मुद्दा नहीं है.
वैष्णव ने कहा, विचार को वास्तविक उत्पाद में बदलने में कमी या कौशल के सेट को जुटाने में कमी अधिक बड़ी चुनौतियां हैं. समृद्ध कार्यक्रम के तहत मेइटी चुनी गई स्टार्टअप कंपनियों को 40 लाख रुपये की शुरुआती पूंजी तथा छह माह तक संरक्षण उपलब्ध कराएगा.