सरकार अभिभावकों को बच्‍चों की शिक्षा के लिए हर महीने देने जा रही 3500 रुपये, जानिए पूरी डिटेल

Government: बच्‍चों के यदि परिवारजन हैं तो उनकी मदद से अन्‍यथा, स्‍वयंसेवी संस्‍थानों के सहयोग से सरकार बच्‍चों की चिंता करेगी.

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कोई भी व्यक्ति एलआईसी न्यू जीवन आनंद पॉलिसी खरीद सकता है. इस पॉलिसी के तहत न्यूनतम मूल बीमा राशि एक लाख रुपये है. सम एश्योर्ड की कोई अधिकतम सीमा नहीं है

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असम सरकार (Government) ”मुख्यमंत्री शिशु सेवा योजना” से बच्‍चों का कल्‍याण करेगी. बच्चों की शिक्षा के लिए अभिभावकों को वह हर महीने 3,500 रुपये की आर्थिक सहायता देगी. जिनके माता-पिता दोनों ही इस कोविड में नहीं रहे, उन्‍हें आवासीय विद्यालय में सभी व्‍यवस्‍थाएं सरकार मुहैया कराएगी. बच्चों को कौशल आधारित प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे कि वे एक समय के बाद हर हाल में आर्थ‍िक रूप से आत्‍मनिर्भर हो पाएं.

त्रिपुरा : मुख्‍यमंत्री बाल सेवा परियोजना

त्रिपुरा की सरकार Government भी आज ” मुख्‍यमंत्री बाल सेवा परियोजना” लेकर आई है. कोरोना से अनाथ हुए बच्‍चों को शिक्षा के साथ ही 3,500 रुपये की मासिक मदद सरकार करेगी. बेटियों को उनकी शादी के समय अलग से 50 हजार रुपये देगी.

कर्नाटक की बाल सेवा योजना

यहां ”बाल सेवा योजना” में अभिभावक या बच्‍चे की देखभाल करने वालों को 3,500 रुपये प्रति माह की सहायता मिलेगी, जिनका कोई नहीं उन्‍हें बच्‍चों की देख रेख करने वाले संस्थानों में रखा जाएगा. विद्यालयों में मुफ्त शिक्षा, महाविद्यालयों में निशुल्‍क प्रवेश के साथ ही 21 साल की उम्र के बाद बिटिया की शादी का खर्च एवं जिन्‍हें स्वरोजगार में रुचि है, उन्‍हें प्रारंभिक तौर पर एक लाख रुपये सरकार देगी, योग्‍यता-क्षमता के आधार पर यह राशि और भी अधिक बढ़ेगी.

उत्तराखंड : वात्सल्य योजना

इस राज्‍य ने ”वात्सल्य योजना” अनाथ बच्चों के लिए बनाई है, जिसमें सरकार उनकी सभी देखभाल की जिम्‍मेदारी उठाने की बात कह रही है. स्‍कूल से कॉलेज तक सभी चिंता ऐसे बच्‍चों की सरकार स्‍वयं करेगी. बच्‍चों के यदि परिवारजन हैं तो उनकी मदद से अन्‍यथा, स्‍वयंसेवी संस्‍थानों के सहयोग से सरकार बच्‍चों की चिंता करेगी.

हरियाणा : बाल सेवा योजना

सरकार ने ”बाल सेवा योजना” आरंभ की है। बच्चों को आर्थिक मदद के रूप में 18 साल की उम्र तक 2,500 रुपये प्रति माह एवं अलग से अन्य खर्चों के लिए 12,000 रुपये हर वर्ष एक मुश्‍त दिए जाएंगे. इन सभी बच्‍चों के आवर्ती जमा खाते खोले जाएंगे. 18 वर्ष की आयु होने तक उनके खातों में हर माह 1,500 रुपये जमा कराएगी. बेटियों को 12वीं कक्षा तक नि:शुल्क शिक्षा और 51,000 रुपये उनके बैंक खातों में यहां अतिरिक्‍त जमा किए जाएंगे, जिसे वे अपने विवाह के समय निकाल सकेंगी.

अरुणाचल प्रदेश : मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना

यहां इन अनाथ हुए बच्‍चों के लिए ”मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना” शुरू की गई है. ऐसे बच्चों की देखभाल करने दो हजार रुपये प्रति माह और अन्‍य खर्चों के लिए अलग से 1,500 रुपये हर महीने दिए जाएंगे. जिन बच्‍चों का कोई नहीं, उन्‍हें बालक आश्रय गृह में रहने की सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी. मुफ्त शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधा सरकार देगी. बड़े होने पर व्यावसायिक प्रशिक्षण एवं शिक्षा भी सरकार द्वारा दी जाएगी.

कहना होगा कि फिलहाल देश भर में यही राज्‍य कोविड में अपने माता-पिता को खो चुके बच्‍चों के लिए हर संभव मदद योजना बनाकर करने के लिए आगे आए हैं. अब आशा ही की जा सकती है कि आगे शीघ्र ही अन्‍य राज्‍य भी इस दिशा में पहल करें.

Published - May 30, 2021, 05:21 IST