सरकार ने RBI को वित्त वर्ष 2026 तक के लिए 2-6 फीसदी रिटेल महंगाई का लक्ष्य दिया

Inflation: महंगाई को नजर में रखते हुए ही RBI रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट का फैसला लेता है जिससे आपकी EMI पर असर पड़ता है.

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Picture: PTI

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सरकार ने अगले 5 साल के लिए रिटेल महंगाई (Retail Inflation) का दायरा पहले के ही 2 से 6 फीसदी के बीच बरकरार रखने का लक्ष्य भारतीय रिजर्व बैंक को दिया है. 31 मार्च 2026 तक के लिए रिटेल महंगाई का लक्ष्य 4 फीसदी के स्तर पर रखने का है, इसमें 2 फीसदी का उतार-चढ़ाव हो सकता है. आर्थिक मामलों के सचिव ने ये जानकारी दी है.

आर्थिक मामलों के सचिव तरुण बजाज ने कहा है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक्ट 1934 के तहत 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2026 तक के लिए पिछले पांच साल के स्तर पर ही महंगाई लक्ष्य रखा गया है.

महंगाई को सीमित दायरे में रखने के लिए सरकार ने साल 2016 में मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी का गठन किया था जिसकी अध्यक्षता रिजर्व बैंक के गवर्नर करते हैं. इस कमिटी को बेंचमार्क पॉलिसी रेट – रेपो रेट तय करने की जिम्मेदारी दी गई है.

6 सदस्यों वाली मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी की पहली बैठक अक्टूबर 2016 में हुई थी. इसमें उन्हें 31 मार्च 2021 तक महंगाई 4 फीसदी पर रखने का लक्ष्य दिया गया था जिसमें 2 फीसदी नीचे और 2 फीसदी ऊपर जाने की गुंजाइश दी गई थी.

अगले वित्त वर्ष, यानि 1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 तक 6 बार मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक होगी. इसमें 5-7 अप्रैल इस वित्त वर्ष की पहली बैठक होगी और क्रेडिट पॉलिसी पर फैसला लिया जाएगा. क्रेडिट पॉलिसी का असर आपकी जेब पर होगा. क्रेडिट पॉलिसी की बैठक में रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट का फैसला लिया जाता है जिससे आपकी EMI पर ब्याज कितना बढ़ेगा या घटेगा ये तय होता है.

रिजर्व बैंक इसी महंगाई (Inflation) को दायरे में रखने के लिए पॉलिसी बनाती है. बढ़ती महंगाई के चलते रिजर्व बैंक को अपनी पॉलिसी में बदलाव करना पड़ सकता है.

Published - March 31, 2021, 07:52 IST