महंगी होने वाली है CNG और PNG!

सरकार ने सितंबर के लिए प्राकृतिक गैस के दाम 7.85 डॉलर प्रति mmBtu से बढ़ाकर 8.60 डॉलर प्रति मेट्रिक मिलियन ब्रिटिशन थर्मल यूनिट कर दिया है.

महंगी होने वाली है CNG और PNG!

केंद्र सरकार ने सितंबर महीने के लिए प्राकृतिक गैस के दाम में बढ़ोतरी का ऐलान किया है. एक सितंबर से 30 सितंबर तक के लिए सरकार ने प्राकृतिक गैस की कीमत 8.60 डॉलर प्रति मेट्रिक मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (mmBtu) तय की है. अगस्‍त की तुलना में प्राकृति गैस की कीमत में प्रति यूनिट 0.75 डॉलर का इजाफा हुआ है. अगस्‍त में प्राकृतिक गैस का दाम 7.85 डॉलर प्रति mmBtu था. प्राकृतिक गैस की कीमत बढ़ने से अब देश में वाहनों के लिए उपयोगी CNG और घरों में खाना बनाने के काम आने वाली PNG के दाम भी बढ़ेंगे.

सरकार ने ओएनजीसी और ऑयल इंडिया के नामित गैस क्षेत्रों से निकलने वाली गैस के दाम में कोई बदलाव नहीं किया है. इन क्षेत्रों से निकलने वाली गैस की कीमत 6.5 डॉलर प्रति mmBtu पर ही स्थिर रहेगी. 31 अगस्‍त को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि 1 सितंबर 2023 से 30 सितंबर 2023 तक के लिए घरेलू प्राकृतिक गैस की कीमत ग्रॉस क्‍लोरिफ‍िक वैल्‍यू (GCV) के आधार पर 8.60 डॉलर प्रति mmBtu तय की गई है.
घरेलू प्राकृतिक गैस की कीमत को इस साल अप्रैल से इंडिया क्रूड ऑयल बास्‍केट से जोड़ा गया है और इसकी कीमतों में हर महीने संशोधन किया जाता है.

आपूर्ति में कमी के कारण वैश्विक स्‍तर पर कच्‍चे तेल के दामों में हो रही वृद्धि के बीच प्राकृतिक गैस की कीमत में बढ़ोतरी की गई है. वर्तमान में, ब्रेंट का नवंबर कॉन्‍ट्रैक्‍ट 87.06 प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहा है, जो अपने पूर्व बंद भाव से 0.26 फीसदी अधिक है. अप्रैल में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नई गैस मूल्‍य निर्धारण नीति को मंजूरी दी थी. इससे भारत में घरेलू प्राकृतिक गैस की कीमतों को वैश्विक कच्‍चे तेल की कीमतों के साथ जोड़ने का रास्‍ता खुला.

नई मूल्‍य निर्धारण नीति के तहत, प्राकृतिक गैस की कीमत की गणना भारतयी क्रूड बास्‍केट के मासिक औसत के 10 फीसदी के आधार पर की जाती है. एडमिनिस्‍ट्रेडेड प्राइस मैकेनिज्‍म (APM) गैस प्राइसिंग के तहत सरकार ने प्राकृतिक गैस का फ्लोर प्राइस 4 डॉलर प्रति mmBtu और ऊपरी सीमा 6.50 डॉलर प्रति mmBtu तय की है.

सरकार के मुताबिक, नई मूल्य निर्धारण नीति का उद्देश्य प्राकृतिक गैस की खपत का विस्तार करना और 2030 तक भारत में प्राथमिक ऊर्जा मिश्रण में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को मौजूदा 6.5 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी करने के लक्ष्‍य को हासिल करना है.

Published - September 1, 2023, 01:02 IST