सरकार की ओर से शुरू की गई प्रत्यक्ष कर विवाद समाधान योजना ‘विवाद से विश्वास’ से अब तक 53,684 करोड़ रुपये अर्जित किए गए हैं. वित्त मंत्रालय की ओर से सदन में इसकी जानकारी 9 अगस्त सोमवार को दी गई. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि इस योजना के तहत 99,765 करोड़ रुपये के विवादित कर के संबंध में 1.32 लाख से अधिक घोषणाएं दायर की गई हैं. वहीं ‘विवाद से विश्वास’ से अब तक 53,684 करोड़ रुपये सरकार को मिले हैं. सदन में मंत्री ने कहा कि सरकार ने ‘विवाद से विश्वास’ योजना के तहत कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किये थे. यह स्कीम पूरी तरह से स्वैच्छिक है जिसमें टैक्सपेयर्स की ओर से पेंडिंग टैक्स विवाद निपटाने के लिए पैसा जमा किया जाता है. सरकार ने 17 मार्च, 2020 को विवाद से विश्वास स्कीम की शुरुआत की थी.
टैक्सपेयर्स की ओर से डिक्लेरेशन करने की अंतिम तारीख 31 मार्च, 2021 तय की गई थी. हालांकि सरकार ने पेमेंट करने की अंतिम तारीख को बढ़ाकर 31 अगस्त कर दिया है. इसके अलावा टैक्सपेयर्स चाहे तो कुछ ब्याज चुकाकर 31 अक्टूबर तक टैक्स पेमेंट कर सकता है.
यह योजना टैक्स पेमेंट से जुड़े विवादों को सुलझाने का अवसर देती है जिसमें टैक्स विभाग और पीड़ित पक्ष आमने-सामने बैठते हैं और मामला सुलझाया जाता है. सरकार इसमें टैक्स की राशि तय करती है जिसे चुकाकर वित्तीय विवाद को निपटाया जाता है.
इस योजना में विवादित टैक्स, जुर्माना या शुल्क के लिए एक नियम बना है. विवादित टैक्स के 100 प्रतिशत और विवादित पेनेल्टी, ब्याज या शुल्क के 25 प्रतिशत का भुगतान कर मामला खत्म किया जा सकता है. इस योजना में टैक्स देनेवाले को इनकम टैक्स अधिनियम के तहत किसी भी अपराध के लिए ब्याज, जुर्माने के लिए किसी भी कार्यवाही से छूट दी जाती है.
इस स्कीम में टैक्सपेयर को सिर्फ विवादित करों का ही भुगतान करना होता है. इस रकम पर इनकम टैक्स विभाग की ओर से कोई ब्याज या दंड नहीं लगाया जाता. जो टैक्सपेयर इस स्कीम का लाभ लेता है, सरकार की तरफ से उसकी पहचान भी उजागर नहीं की जाती है.