GDP Growth: अमेरिकी ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्स ने कोरोना वायरस महामारी के संकट और उसके चलते कई राज्यों तथा शहरों में लागू लॉकडाउन के मद्देनजर वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि (GDP Growth) के अनुमान को 11.7 फीसदी से घटाकर 11.1 फीसदी कर दिया है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर भयानक रूप ले चुकी है और इस बीमारी से अब तक 2.22 लाख लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि हर दिन संक्रमण के 3.5 लाख नए मामले सामने आ रहे हैं.
इस कारण पूरे देश में सख्त लॉकडाउन की मांग भी जोर पकड़ने लगी है, हालांकि आर्थिक नुकसान को देखते हुए मोदी सरकार ने अभी तक इस कदम से परहेज किया है.
राज्यों में दिख रहा लॉकडाउन का असर
गोल्डमैन सैक्स ने एक रिपोर्ट में कहा है, ‘‘हालांकि, इस साल लॉकडाउन की तीव्रता पिछले साल के मुकाबले कम है. फिर भी, भारत के प्रमुख शहरों में सख्त प्रतिबंधों का असर साफ दिखाई दे रहा है.’’
शहरों में सख्त लॉकडाउन से सेवाओं पर खासतौर से असर पड़ा है. इसके अलावा बिजली की खपत, और अप्रैल में विनिर्माण पीएमआई के स्थिर रहने से विनिर्माण क्षेत्र पर असर पड़ने के संकेत भी मिल रहे हैं.
गोल्डमैन सैक्स ने कहा, ‘‘कुल मिलाकर, अधिकांश संकेतक अभी भी बता रहे हैं कि पिछले साल दूसरी तिमाही (अप्रैल-जून) के मुकाबले इस बार असर कम पड़ा है.’’
इस साल तीसरी तिमाही में तेजी की उम्मीद
ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि हालांकि तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में तेजी वापस लौटने की उम्मीद है, क्योंकि तब प्रतिबंध कुछ हद तक कम हो सकते हैं.
गोल्डमैन सैक्स का अनुमान है कि ऐसे हालात में वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान भारत की जीडीपी वृद्धि दर (GDP Growth) 11.1 प्रतिशत रह सकती है, जबकि पहले इसके 11.7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था.
देश में तेजी से बढ़ रहे हैं कोविड के मामले
भारत में कोविड-19 के मामले दो करोड़ का आंकड़ा पार कर गए हैं और महज 15 दिनों में संक्रमण के 50 लाख से अधिक मामले आए हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, कोरोना वायरस के एक दिन में 3,57,229 नए मामले आने से संक्रमण के मामले बढ़कर 2,02,82,833 पर पहुंच गए जबकि 3,449 और लोगों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या 2,22,408 पर पहुंच गई है.
भारत में कोविड-19 के मामले 19 दिसंबर को एक करोड़ का आंकड़ा पार कर गए थे जिसके 107 दिन बाद पांच अप्रैल को संक्रमण के मामले 1.25 करोड़ पर पहुंच गए. हालांकि महामारी के मामलों को 1.50 करोड़ का आंकड़ा पार करने में महज 15 दिन लगे.