image: pixabay, भारत में लगभग 60% से 70% की खपत गहनों के रूप में होती है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (World Gold Council) के आंकड़ों से पता चलता है कि भारतीयों ने 2019 के अक्टूबर-दिसंबर त्योहार की अवधि में 194.3 टन और पिछले साल की समान अवधि के दौरान 186.2 टन सोना खरीदा.
Gold Price: कोरोना की दूसरी लहर के जाने और त्योहारी सीजन के आने से भारत के सोने के ज्वैलर्स काफी खुश नजर आ रहे हैं. महामारी से राहत का मतलब है कि वे अपनी सबसे आकर्षक बिक्री अवधि (most lucrative sales period) में रिकवरी कर सकते हैं. अंतिम तिमाही में, भारतीय आमतौर पर शादी समारोहों के लिए सोने के आभूषणों की खरीद करते हैं. वहीं दिवाली के दौरान सिक्कों और बार की खरीदारी की जाती है. इस साल दिवाली नवंबर में है.
हालांकि महामारी के दौरान लोगों ने सोने की खरीदारी कम की क्योंकि केंद्रीय बैंकों की ओर से उठाए गए कदमों से बुलियन रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया था.
कई लोगों ने शादियों को भी टाल दिया था और त्योहारी सीजन भी ठंडा रहा था. अब, डेली इन्फेक्शन लगभग सात महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है और टीकाकरण की दर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. ये बेहतर बिक्री की उम्मीदों को बढ़ा रही है.
सोने की कीमतों में 17% की गिरावट
खुशी की एक और वजह है सोने की कीमतों में गिरावट. पिछले अगस्त के रिकॉर्ड हाई लेवल के बाद से स्थानीय बाजारों (local markets) में सोने की कीमतों में 17% की गिरावट आई है.
ज्वैलर्स को उम्मीद है कि सोने की कीमतों में गिरावट आने से उनका सेल्स वॉल्यूम और ज्यादा बढ़ेगा. ऑल इंडिया जेम एंड ज्वैलरी डोमेस्टिक काउंसिल के चेयरमैन आशीष पेठे के अनुसार, डिमांड और कम कीमतों से आखिरी तिमाही में सोने की बिक्री दो साल पहले की समान अवधि (same period two years ago) की तुलना में 15% अधिक हो सकती है.
60% से 70% की खपत गहनों के रूप में
भारत में लगभग 60% से 70% की खपत गहनों के रूप में होती है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (World Gold Council) के आंकड़ों से पता चलता है कि भारतीयों ने 2019 के अक्टूबर-दिसंबर त्योहार की अवधि में 194.3 टन और पिछले साल की समान अवधि के दौरान 186.2 टन सोना खरीदा.
पेठे ने पिछले साल के पीक सेल्स पीरियड को लेकर कहा कि 2020 असामान्य था. इस क्वार्टर में सोने की कीमतों में नरमी आई है. शादियां भी अधिक संख्या में हो रही हैं.