कल से खनन क्षेत्रों के आसपास शुरू होगा ‘ग्रो ग्रीनिंग’ अभियान

Go Greening:कोयला मंत्रालय की कोयला व लिग्‍नाइट पीएसयू ने 2,385 हेक्‍टेयर क्षेत्र को कवर करने के लिए महत्‍वकांक्षी लक्ष्‍य निर्धारित किया है.

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image: PBNS,19 अगस्‍त को इस अभियान के दौरान लाइव वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए देशभर के कोयला क्षेत्रों के आस-पास के 300 से अधिक वृक्षारोपण स्‍थल कनेक्‍ट किए जाएंगे.

image: PBNS,19 अगस्‍त को इस अभियान के दौरान लाइव वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए देशभर के कोयला क्षेत्रों के आस-पास के 300 से अधिक वृक्षारोपण स्‍थल कनेक्‍ट किए जाएंगे.

Go Greening: कोयला मंत्रालय की कोयला व लिग्‍नाइट पीएसयू ने इस वर्ष के दौरान बायो-रिक्लेमेशन और प्लांटेशन के अंतर्गत 2,385 हेक्‍टेयर क्षेत्र को कवर करने के लिए ‘ग्रो ग्रीनिंग’ अभियान के तहत एक महत्‍वकांक्षी लक्ष्‍य निर्धारित किया है. 19 अगस्‍त, 2021 को आरंभ होने वाले ‘ग्रो ग्रीनिंग’ अभियान को केन्‍द्रीय कोयला, खनन तथा संसदीय मामले मंत्री प्रल्‍हाद जोशी द्वारा कोयला, खनन तथा रेलवे राज्‍य मंत्री रावसाहेब पाटिल दानवे की उपस्थिति में लॉन्च किए जाने वाले ‘वृक्षारोपण अभियान-2021’ से गति मिलेगी.

300 से अधिक वृक्षारोपण स्‍थल किए जाएंगे कनेक्‍ट

19 अगस्‍त को इस अभियान के दौरान लाइव वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए देशभर के कोयला क्षेत्रों के आस-पास के 300 से अधिक वृक्षारोपण स्‍थल कनेक्‍ट किए जाएंगे.

बताना चाहेंगे‘वृक्षारोपण अभियान-2021’ जो कोयला क्षेत्र में आजादी का अमृत महोत्‍सव समारोह का प्रमुख कार्यक्रम है, से निश्चित रूप से खनन प्रचालनों में पर्यावरण निरंतरता आएगी.

यह कोयला क्षेत्र को ऑपरेट करने का सामाजिक और पर्यावरण संबंधी लाइसेंस प्राप्‍त करने में भी मदद करेगा, जो आने वाले दिनों में बहुत महत्‍वपूर्ण साबित होगा.

खास तौर से तब जब नई कंपनियों को शामिल करने के लिए और अधिक खदानों को खोला जाएगा. इसके अतिरिक्‍त, इस अभियान से समाज और आम लोगों को उनके निकटवर्ती क्षेत्रों में वृक्षारोपण की अधिक से अधिक पहल करने के लिए संवेदनशील बनाने व प्रेरित किए जाने की उम्‍मीद है.

देश के ऊर्जा क्षेत्र को ‘डीकार्बोनाइज’ करने की प्रतिबद्धताओं को करेगा पूरा

तेजी से उभरती अर्थव्‍यवस्‍था के रूप में भारत एक तरफ ऊर्जा क्षेत्र को डीकार्बोनाइज करने की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने तथा दूसरी तरफ देश की बढ़ती ऊर्जा मांग, जोकि इसके सामर्थ्‍य तथा उल्‍लेखनीय स्‍वदेशी उपलब्‍धता के कारण मुख्‍य रूप से कोयले पर निर्भर है, को पूरी करने की दोहरी चुनौती का सामना कर रहा है.

इस प्रकार हमारे कोयले क्षेत्र को विभिन्‍न विकासगत आवश्‍यकताओं को पूरा करने के लिए देश की ऊर्जा मांग की पूर्ति में भविष्‍य में बहुत महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा करनी है, वहीं इसे पर्यावरण तथा समाज की दिशा में जिम्‍मेदार भी रहना है। इस पृष्‍ठभूमि में, भारत का कोयला क्षेत्र निरंतर खनन को बढ़ावा देने के लिए कई नवोन्‍मेषी पहल करता रहा है.

खनन क्षेत्रों के आस-पास ‘ग्रो ग्रीनिंग’ अभियान एक प्रमुख पहल

खनन क्षेत्रों के आस-पास ‘ग्रो ग्रीनिंग’ अभियान एक प्रमुख पहल रहा है, जो न केवल स्‍थानीय वातावरण में सुधार ला रहा है, बल्कि जलवायु परिवर्तन के कारणों को कम करने के लिए अतिरिक्‍त कार्बन सिंक का भी निर्माण कर रहा है.

इसके अतिरिक्‍त, हमारी कोयला कंपनियों का लक्ष्‍य व्‍यापक पौधारोपण तथा स्‍वच्‍छ कोयला प्रौद्योगियों को अपनाने जैसे विभिन्‍न पर्यावरण अनुकूल उपायों के जरिये कार्बन न्‍येूट्रेलिटी अर्जित करना भी है.

Published - August 18, 2021, 01:23 IST