भारतीय इकोनॉमी कोविड-19 से आए आर्थिक संकट से उभरती नजर आ रही है. आज जारी हुए दिसंबर तिमाही के GDP ग्रोथ आंकड़ों में ग्रोथ लौटती दिखी है. वित्त वर्ष 2021 की तीसरी तिमाही में GDP ग्रोथ 0.4 फीसदी आई है जबकि इससे पहले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में ये आंकड़ा -7.3 फीसदी था यानि साढ़े सात फीसदी की दर से गिरावट देखने को मिली थी.
पिछले साल की तीसरी तिमाही (Q3 FY20) में जीडीपी ग्रोथ 4.1 फीसदी थी. कोविड-19 से जूझ रही इकोनॉमी के लिए वित्त वर्ष 2021 में पहली बार दिसंबर तिमाही में ग्रोथ पॉजिटिव आई है.
कोविड-19 के रोकथाम के लिए लगे लॉकडाउन से भारतीय अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा था. संपूर्ण लॉकडाउन के बाद वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून के बीच GDP में 24.4 फीसदी की दर से गिरावट आई थी. ये आंकड़ा -23.4 फीसदी से संशोधित करके -24.4 फीसदी किया गया है.
वहीं पूरे वित्त वर्ष 2021 के लिए अब GDP में 8 फीसदी की गिरावट का अनुमान है जबकि वित्त वर्ष 2020 में 4 फीसदी की ग्रोथ थी.
Real GDP is expected to contract by 8.0% in 2020-21 as compared to 4.0% growth in 2019-20 as per First Revised Estimates (FRE).@Rao_InderjitS @PIB_India @NITIAayog @PMOIndia
— Ministry of Statistics & Programme Implementation (@GoIStats) February 26, 2021
किन सेक्टर्स में आई ग्रोथ, कहां अभी भी दबाव?
कृषि क्षेत्र में तीसरी तिमाही में 3.9 फीसदी की दर से ग्रोथ रही है. कंस्ट्रक्शन सेग्मेंट में भी 6.2 फीसदी की ग्रोथ आई है तो वहीं इलेक्ट्रिसिटी, यूटिलिटी सेगमेंट में ग्रोथ 7.3 फीसदी रही है. मैन्यूफैक्चरिंग सेगमेंट में 1.6 फीसदी की दर से ग्रोथ हासिल हुई है. फाइनेंशियल सेक्टर में भी 6.6 फीसदी ग्रोथ आई है.
हालांकि माइनिंग कॉन्ट्रैक्ट्स में डिग्रोथ रही है, यहां दिसंबर तिमाही का आंकड़ा -5.9 फीसदी है. वहीं कोरोना से सबसे ज्यादा झटका खाए ट्रेड और होटल सेक्टर में 7.7 फीसदी की दर से गिरावट आई है. पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में भी डेढ़ फीसदी का कॉन्ट्रैक्शन दिखा है.
प्राइवेट फाइनल कंजंप्शन माइनस 2.4 फीसदी रही जबकि सरकारी फाइनल कंजंप्शन माइनस 1.1 फीसदी पर है.