रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा है कि वह डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), ब्लॉकचेन, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और एज कंप्यूटिंग (edge computing) जैसी नई तकनीकों पर काम कर रही है. RIL ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा है कि कंपनी माइक्रोसॉफ्ट और दूसरी छोटी कंपनियों (SME) के साथ मिलकर इन नई तकनीकों के विस्तार में जुटी है.
5G पर फोकस
इसके अलावा रिलायंस ग्रोथ के अगले चरण में देश में 5G पर बड़े तौर पर काम कर रही है. रिलायंस की इकाई Jio (जियो) ने क्वॉलकॉम के साथ गठजोड़ किया है और दोनों कंपनियां मिलकर भारत में 5G ईकोसिस्टम तैयार करने के लिए जरूरी कंपोनेंट्स बना रही हैं.
गूगल, क्वॉलकॉम के साथ गठजोड़
रिपोर्ट में कहा गया है, “रणनीतिक पार्टनर और इनवेस्टर के तौर पर गूगल के साथ गठजोड़ के जरिए जियो का मकसद एक सस्ता स्मार्टफोन उतारने का है. रिलायंस का मकसद भारत को 2G मुक्त बनाने का है. जियो फोन्स की लॉन्चिंग के जरिए 30 करोड़ लोगों को 2G से 4G पर शिफ्ट करने का मकसद है.”
RIL की रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि क्वॉलकॉम और जियो ने सफलतापूर्वक भारत में 5G सॉल्यूशंस की टेस्टिंग की है. जियो 5G सॉल्यूशन से 1Gbps की स्पीड हासिल हुई है.
स्वदेशी 5G स्टैक
RIL के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने सालाना रिपोर्ट में कहा है कि भारत ग्लोबल डिजिटल रेवॉल्यूशन में सबसे आगे है. रिपोर्ट में कहा गया है, “जियो अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को तेजी से लॉन्च करने की दिशा में बढ़ रहा है. साथ ही जियो ने अगली पीढ़ी के 5G स्टैक को स्वदेशी रूप से तैयार किया है. इससे ये सस्ता और हर जगह उपलब्ध हो सकेगा.”
$50 अरब से ज्यादा का निवेश
जियो ने अब तक 50 अरब डॉलर से ज्यादा की पूंजी निवेश की है ताकि भारत में सबसे बड़ा और एडवांस डिजिटल और कनेक्टिविटी ईकोसिस्टम तैयार किया जा सके. इसके अलावा, जियो ने कई तरह के ऐप्स और प्लेटफॉर्म भी मुहैया कराए हैं.
इसमें कहा गया है, “भारत को दुनिया की सबसे प्रीमियर डिजिटल सोसाइटी और अर्थव्यवस्था बनाने के लिए जियो न केवल अपने मौजूदा 42.6 करोड़ कस्टमर्स के एक्सपीरियंस को और बेहतर बना रही है, बल्कि ये अगले 30 करोड़ मोबिलिटी यूजर्स, 5 करोड़ घरों और 5 करोड़ माइक्रो, स्मॉल और मीडियम बिजनेस को भी डिजिटल होने में मदद दे रही है.”
(PTI के इनपुट्स के साथ)