इस दिवाली ऑटोमोबाइल उत्पादों पर भूल जाइए डिस्काउंट

चिप की कमी के कारण कारों का वेटिंग पीरियड अब महीनों में चल रहा है. बड़ी कंपनियां तो उत्पादन में भी कटौती कर रही हैं.

independent directors need to keep check on coroporate governance and not just salary of ceo, md

कोई कंपनी उस विश्वास को खरीद नहीं सकती है.

कोई कंपनी उस विश्वास को खरीद नहीं सकती है.

अर्थव्यवस्था का पुनरुद्धार मुख्य रूप से घरेलू खपत के पुनरुद्धार पर टिका होता है, जो अर्थव्यवस्था का मुख्य चालक रहा है. अर्थशास्त्री और कारोबारी इस बात पर एकमत हैं कि आने वाले त्योहारी सीजन के दौरान खपत को बढ़ावा मिलेगा. इस दौरान ज्यादातर कंपनियां उपभोक्ताओं को लगभग हर उत्पाद पर डिस्काउंट के साथ लुभाने जा रही हैं. किसी भी शहर के शॉपिंज जोन में या किसी शॉपिंग मॉल में तब तक ग्राहकों की भीड़ जुटना मुश्किल है, जब तक डिस्काउंट की पेशकश नहीं की जा रही हो. परिधान से लेकर जूते तक, पर्सनल केयर उत्पादों से लेकर रियल एस्टेट तक, हर जगह डिस्काउंट की पेशकश ग्राहकों को लुभाती है.

हालांकि, एक उच्च मूल्य वाली वस्तु, जिस पर शायद अधिक डिस्काउंट की पेशकश नहीं होने वाली है, वह है ऑटोमोबाइल. इसलिए नहीं कि ऑटोमोबाइल निर्माता अपने उत्पाद बेचना नहीं चाहते हैं, बल्कि इसलिए कि वे खुद कुछ चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. पहली यह कि ऑटोमोबाइल की बड़ी कंपनियों को आपूर्ति की कमी का सामना करना पड़ रहा है. मलेशिया में लॉकडाउन के कारण चिप निर्माता चिप्स की आपूर्ति नहीं कर पा रहे हैं, जो एक कार के महत्वपूर्ण भागों में से एक हैं. दूसरा यह कि बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियां त्योहारी सीजन से ठीक पहले कीमतों में बढ़ोत्तरी कर रही हैं. बाजार की अग्रणी कंपनी मारुति सुजुकी ने इस साल तीसरी बार कीमतों में बढ़ोतरी की है. यह बढ़ोत्तरी ज्यादातर लागत में वृद्धि के चलते हुई है. यह अन्य कंपनियों को भी कीमतों में बढ़ोत्तरी करने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है. सभी मेटल पार्ट्स – लौह और अलौह दोनों वैश्विक कीमतों में बढ़ोत्तरी के चलते महंगे हो गए हैं.

इससे भी बदतर स्थिति सेमी-कंडक्टर आपूर्ति की कमी ने पैदा कर दी है. अगर उपभोक्ता नकदी खर्च करना चाहते हैं, तो भी वह शायद फेस्टिव सीजन के दौरान अपने सपनों की कार नहीं खरीद सकता. चिप की कमी के कारण कारों का वेटिंग पीरियड अब महीनों में चल रहा है. बड़ी कंपनियां तो उत्पादन में भी कटौती कर रही हैं. जब से लाइसेंस राज समाप्त हुआ है, भारतीय उपभोक्ताओं को कार खरीदने के लिए इतनी लंबी प्रतीक्षा अवधि का सामना नहीं करना पड़ा है.

पिछले साल के त्योहारी सीजन की तुलना में लोकप्रिय मॉडल्स पर छूट पहले ही काफी कम हो गई है. यह स्पष्ट है कि बढ़ती कीमतों और उत्पादन बाधाओं के दोहरे झटके के कारण डिस्काउंट सीजन से पहले गिरता रहेगा.

Published - September 7, 2021, 09:21 IST