FMCG: लंबे इंतजार के बाद त्योहार का उत्साह दिखाई दे रहा है. कंज्यूमर कैटेगरी के बिजनेस मौजूदा सकारात्मक भावना पर सवारी करने के लिए तैयार हैं. परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) के सितंबर’21 में बढ़कर 53.7 से बढ़कर हो गया था जो अगस्त’21 में 52.3 हो गया था. बीते लगातार तीन महीनों में PMI नंबरों में इजाफा देखने को मिल रहा है, ये दर्शाता है कि कंज्यूमर कैटेगरी वाले व्यवसायों में विस्तार देखने को मिल रहा है.
यह इस बात का संकेत है कि आगामी त्योहारी सीजन में कंज्यूमर द्वारा दालों से लेकर इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स तक की वस्तुओं पर खर्च करने के लिए अपनी जेब को ढीला कर रहे हैं.
डेटा इंटेलिजेंस एजेंसी एक्सिस माई इंडिया के अनुसार, 42% परिवारों ने इस साल के त्योहारी सीजन के दौरान अतिरिक्त खर्च करने के अपने इरादे का संकेत दिया है.
इस शानदार अवसर को भुनाने के लिए, ऑनलाइन और ऑफलाइन खिलाड़ियों ने भारत में डिस्काउंट बिक्री शुरू की है. फॉरेस्टर की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय त्योहारी सीजन ऑनलाइन बिक्री में 9.2 अरब अमेरिकी डॉलर का उत्पादन करेगा, जो कि सालाना 42% का इजाफा है.
एक प्रमुख कारण धीरे-धीरे लॉकडाउन में ढील देना, आर्थिक रफ्तार देने के लिए मदद करना, साथ ही साथ मांग में इजाफा करना है.
इसके अलावा, टीकाकरण में तेजी और इसके विस्तार ने लोगों की मोबिलिटी में काफी सुधार किया है, इससे मॉल और सुपरमार्केट में लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है.
ग्रामीण बाजारों में लगातार तीसरे साल सामान्य मानसून, बेहतर एमएसपी, मनरेगा के नेतृत्व वाले रोजगार के अवसरों और अन्य सरकारी सहायता योजनाओं के चलते सुधार हुआ है.
इंटरनेट की बढ़ती पहुंच और डिजिटल/ऑनलाइन खरीदारी को तेजी से अपनाने से टियर 2/3 शहरों में मांग शहरी और महानगरों से अधिक हो रही है.
Myntra की फेस्टिव फैशन सेल में, 40% से अधिक ऑर्डर टियर 2/3 शहरों से थे. विनाशकारी COVID 2.0 महामारी के बाद, शहरी क्षेत्र भी व्यापक वैक्सीन कवरेज के कारण ठीक हो रहे हैं.
सितंबर ’21 में, स्टेपल कैटेगरी की बिक्री में महीने-दर-महीने 1.1% का इजाफा हुआ है. जबकि अगस्त’21 में 14.5% की गिरावट आई, जो उलट संकेत है.
त्योहारी सीजन से पहले जरूरी सामान जैसे पेय पदार्थ, मिठाई और पैकेज्ड फूड आइटम के लिए किराना स्टोर्स में स्टॉक करके इस बढ़त में मदद की है.
बिज़ोम के एक सर्वेक्षण के मुताबिक, एफएमसीजी की बिक्री में सालाना आधार पर 29.7% का इजाफा हुआ है, जो लगभग पूर्व-महामारी के स्तर के करीब था.
एफएमसीजी पैक के अंदर, डिब्बाबंद फूड आइटम्स की बिक्री में 94.5% सालाना इजाफा हुआ. इसका नेतृत्व रेडी-टू-ईट उत्पादों ने किया, जो कि अर्थव्यवस्था के खुलने के साथ-साथ आउट-ऑफ-होम (OOH) खपत में इजाफा हुआ.
OOH खपत बढ़ने और घर में खपत जारी रहने के कारण, ऑफ-सीजन के बावजूद बेवरेजेस की बिक्री लगभग 23% थी. बीते साल की तुलना में इस साल काफी अधिक उपलब्धता के कारण कन्फेक्शनरी की बिक्री में साल-दर-साल 16.5% का इजाफा दर्ज हुआ है.
महामारी ने लोगों के ऑनलाइन खरीदारी करने के तरीके को बदल दिया है. खरीदार पहले से कहीं ज्यादा ऑनलाइन खरीदारी के साथ अधिक सहज हैं.
भले ही स्मार्टफोन ऑनलाइन बिकने वाली सबसे बड़ी श्रेणी है, किराना तेजी से बढ़ रहा है. फॉरेस्टर की रिसर्च के मुताबिक के अनुसार, किराना सबसे तेजी से बढ़ने वाले समूह के रूप में उभरेगा.
किराना बाजार में सबसे ज्यादा फेस्टिव-थीम वाली कैटेगरी ऑनलाइन चल रही हैं, जो ग्राहकों की बास्केट का आकार बढ़ाएंगी.
आधुनिक बिजनेस की तुलना में ऑफलाइन सामान्य बाजार कंज्यूमर की संख्या के मामले में ज्यादा पीछे नहीं है. DMart रिटेल सीरीज ने Q2FY22 के लिए अपनी स्टैंडअलोन बिक्री में 46.6% का इजाफा दर्ज किया है.
फेस्टिव सीजन के कारण आए उत्साह से मदद हासिल करके वित्त वर्ष 22 के तीसरी तिमाही में और अधिक वृद्धि देने की उम्मीद है.
परिधानों के अलावा, ब्यूटी एंड पर्सनल केयर (बीपीसी) सेक्टर में भी पॉजिटिव रुझान जारी है. Myntra की बिग फैशन सेल 2021 में, BPC सेगमेंट ने 190% YoY का इजाफा दर्ज किया है, क्योंकि कंज्यूमर ने अपने लिए जरूरी प्रोडक्ट्स पर तेजी से खर्च किया, जो बीते सालों की तुलना में ध्यान केंद्रित करने का संकेत देता है.
इस पृष्ठभूमि में, हम हिंदुस्तान यूनिलीवर, डाबर, गोदरेज कंज्यूमर जैसी कंपनियों को होम और बीपीसी स्पेस में फायदे में होने की उम्मीद कर रहे हैं.
फूड्स एंड बेवरेज स्पेस में मैरिको, नेस्ले, डाबर, ब्रिटानिया, वरुण बेवरेजेज और टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स को बेवरेजेज, स्नैक्स और रेडी-टू-ईट प्रोडक्ट्स की मांग बढ़ने से फायदा होने की उम्मीद है.
जबकि फेस्टिव सीजन की मांग मजबूत दिखाई दे रही है. कच्चे माल (आरएम) की बढ़ती कीमतों की पृष्ठभूमि में फेस्टिव अवधि से परे इसकी स्थिरता काफी महत्वपूर्ण साबित होगी.
औसतन, धातुओं, कच्चे तेल, कृषि-वस्तुओं में आरएम की कीमतों में 10-50% का इजाफा देखा गया है. आगे इसके और बढ़ने की उम्मीद है.
जबकि आरएम जोखिम के कारण अधिकांश कंपनियों का मुनाफा पर असर पड़ सकता है. कंपनियों ने इस चुनौती को कम करने के लिए सभी सेगमेंट और प्रोडेक्ट कैटेगरी की कीमतों में 3-14% की बढ़ोतरी की है.
( लेखक एक्सिस सिक्योरिटीज की सीनियर रिसर्च एनालिस्ट हैं, व्यक्त किए गए यह उनके निजी विचार हैं)