कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर सरकार के खर्च में बढ़ोतरी हुई है. ऐसा इसलिए क्योंकि कोविशील्ड (covishield) पर 5 तो कोवैक्सिन (covaxin) की एक डोज पर 9 रुपये का खर्चा सरकार पर बढ़ा है. कोरोना वैक्सीन की नई कीमतों के अनुसार कोविशील्ड (covishield) वैक्सीन की एक शीशी (वॉयल) पर सरकार को 50 रुपये अधिक देने पड़ रहे हैं जबकि कोवैक्सिन (covaxin) की एक शीशी (वॉयल) पर यह खर्चा 180 रुपये तक महंगा हो गया है.
दरअसल, 16 जनवरी से देश में कोरोना वैक्सीनेशन चल रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने जनवरी 2021 में पुणे स्थित सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया और हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक कंपनी को वैक्सीन का ऑर्डर दिया था. उस दौरान सरकार ने 206 रुपये में भारत बायोटेक से कोवैक्सिन (covaxin) की एक डोज खरीदी थी. वहीं कोविशील्ड (covishield) की एक डोज के लिए 200 रुपये खर्च किए, लेकिन छह महीने बाद दोबारा से फॉर्मा कंपनियों के साथ सरकार ने नई कीमतों के तहत वैक्सीन के लिए ऑर्डर जारी किए हैं. इसके तहत सरकार अब कोविशील्ड (covishield) की एक डोज के लिए 205 और कोवाक्सिन (covaxin) की एक डोज के लिए 215 रुपये खर्च करेगी. हालांकि, प्राइवेट वैक्सीनेशन सेंटर्स पर वैक्सीन पुराने या नए प्राइस पर मिलेगी? यह अभी तक तय नहीं हुआ है. अभी पुराने प्राइस पर ही कोविशील्ड और कोवैक्सिन इन सेंटर पर उपलब्ध है.
केंद्र सरकार ने वैक्सीन खरीदने के लिए पहला ऑर्डर इस साल 10 जनवरी को दिया था. उस दौरान कोविशील्ड (covishield) की 1.1 करोड़ और कोवैक्सिन (covaxin) 55 लाख डोज का ऑर्डर दिया गया, लेकिन इसके बाद फरवरी माह में तीन बार ऑर्डर (3,10 और 24 फरवरी) दिया जिसके तहत कोविशील्ड को 4.50 करोड़ डोज शामिल थीं, लेकिन कोवैक्सिन की केवल 45 लाख डोज ही शामिल रहीं.
इसके बाद 12 मार्च, 5 मई और 16 जुलाई को क्रमशः 12, 16 और 66 करोड़ डोज का ऑर्डर दिया जा चुका है. अब तक सरकार 100 करोड़ डोज का ऑर्डर सिर्फ दो कंपनियों को दे चुकी है जिनमें अकेले सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के पास 64.1 करोड़ डोज का ऑर्डर है. जबकि भारत बायोटेक के पास केवल 36.5 करोड़ डोज का ऑर्डर है.
भारत बायोटेक की कोवैक्सिन पहली स्वदेशी कोरोना वैक्सीन है. इसे नई दिल्ली स्थित इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने तैयार किया है. इस वैक्सीन को लेकर हुए एमओयू के अनुसार कोवैक्सिन की हर डोज पर 5 फीसदी मुनाफा ICMR को मिलना तय है. यह मुनाफा साल में दो बार (हॉफ ईयर) में ICMR को मिलेगा.