फिच ने मुताबिक भारत की GDP ग्रोथ रह सकती है 9.5% पर सीमित, देश के सामने महामारी है बड़ी चुनौती

GDP Growth: एजेंसी ने कहा है कि उसके ताजा अनुमान में गिरावट का जोखिम बना हुआ है, क्योंकि कोविड- 19 मामलों से लाकडाउन का और विस्तार होगा.

Gas price increase positive for ONGC, Reliance: Fitch

घरेलू स्तर पर उत्पादित गैस की आपूर्ति कुछ क्षेत्रों को प्राथमिकता के आधार पर की जाती है

घरेलू स्तर पर उत्पादित गैस की आपूर्ति कुछ क्षेत्रों को प्राथमिकता के आधार पर की जाती है

वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच सोल्यूशंस ने कहा है कि कोराना वायरस संक्रमण के इस दौर के बीच वित्त वर्ष 2021- 22 में भारत की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि (GDP Growth) कम होकर 9.5 प्रतिशत रह सकती है.

फिच का मानना है कि कंटेनमेंट जोन जैसे उपायों से भारत की आर्थिक क्षेत्र में सुधरती स्थिति पर असर होगा लेकिन स्थानीय स्तर पर अलग अलग स्थानों पर लगने वाले प्रतिबंधों से अर्थव्यवस्था पर वास्तविक प्रभाव पिछले साल अप्रैल- जून के प्रभाव के मुकाबले कम ही होगा. पिछले साल अप्रैल- जून के दौरान देश में विभिन्न चरणों में सख्त लॉकडाउन लागू किया गया था.

GDP Growth: एजेंसी ने कहा है कि उसके ताजा अनुमान में गिरावट का जोखिम बना हुआ है, क्योंकि कोविड- 19 मामलों से लाकडाउन का और विस्तार होगा. एजेंसी का कहना है कि कोविड- 19 मामलों के तेजी से बढ़ने से भारतीय स्वास्थ्य व्यवस्था की खामियां उजागर हुई हैं.

वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच सोल्यूशंस ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोविड- 19 के मौजूदा बढ़ते संकट के बीच सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के प्रति जन समर्थन को कुछ धक्का लगा है पर लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी पार्टी को मतदाताओं का समर्थन आने वाली तिमाहियों और इस मानव संकट के दौरान मजबूत बना रहेगा.

कोरोना वायरस संक्रमण की लहर ने देश की स्वास्थ्य सुविधाओं को डुबो दिया है और लगता है कि व्यवस्था ध्वस्त हो गई है. कोरोना वायरस के एक दिन में अब तक के सर्वाधिक 4,12,282 मामले सामने आये हैं और 3,980 लोगों की मौत दर्ज की गयी है.

फिच सोल्यूशंस ने कहा है, ‘‘इस तरह के संकेत दिखते हैं कि कोविड- 19 के इस संकट से सत्ताधारी भाजपा के समर्थन को चोट पहुंची है लेकिन हम अपने इस विचार को बरकरार रखते हैं कि मतदाताओं का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी पार्टी को समर्थन आने वाली तिमाहियों और इस मानवीय संकट के दौरान बना रहेगा.’’

एजेंसी का कहना है कि भारत में दूसरी लहर के लिये व्यापक तौर पर ब्रिटेन में सबसे पहले पहचान किये गये बी.1.1.7 वरिएंट को जिम्मेदार माना जा रहा है जिसकी वजह से पंजाब में मामले तेजी से बढ़े. वहीं दूसरी बड़ी वजह घरेलू स्तर पर बढ़ने वाले वेरिएंट बी.1.617 की रही है जो कि महाराष्ट्र में पैदा हुये और यही वजह है कि महाराष्ट्र पर इसका सबसे ज्यादा प्रभाव रहा है.

‘‘सरकार की तरफ से अपर्याप्त उपाय, लोगों का स्वास्थ्य दिशानिर्देशों का पालन नहीं करना जैसे कही सार्वजनिक स्थानों पर मास्क नहीं पहनना, शारीरिक दूरी रखने के नियम का पालन नहीं करना भी बड़ी वजह रही जहै कि भारत में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं.’’

Published - May 6, 2021, 06:49 IST