महाराष्ट्र के नासिक और औरंगाबाद से कुछ चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आई हैं. यहां किसानों ने सड़कों के किनारे टमाटर फेंककर (Farmers threw tomatoes) विरोध जताया है. दरअसल महाराष्ट्र के नासिक और औरंगाबाद के किसानों ने कल गुरुवार को थोक बाजार में कीमतें 2-3 रुपए प्रति किलो तक गिर गई. इसके बाद नाराज किसानों ने सड़कों पर टमाटर फेंकने (Farmers threw tomatoes) शुरू कर दिए. इस साल राज्य में टमाटर की फसल तो अच्छी हुई लेकिन बाजार में किसानों को अच्छी कीमत नहीं मिल रही. व्यापारी किसानों से टमाटर को सिर्फ 1 से 2 रुपये प्रति किलो के भाव से ही खरीद रहे हैं. जबकि खुद उसे उपभोक्ताओं को महंगे दाम पर बेच रहे हैं. इससे किसानों और कंज्यूमर दोनों को नुकसान हो रहा है.
लाखों रुपये की लागत लगाकर फसल उगाने वालों को कुछ भी नहीं मिल रहा और थोक व्यापारी और रिटेलर किसानों की मेहनत पर मालामाल हो रहे. किसानों को इतना कम दाम मिल रहा है कि उसे वो मंडी में ले जाकर बेचने से अच्छा फेंकना समझ रहे हैं.
थोक और रिटेल दामों में अंतर
थोक बाजार में टमाटर के दाम जहां 2-3 रुपए प्रति किलो लगाए जा रहे हैं. वहीं रिटेल मार्केट में इसका फायदा आम खरिदारों को होता नजर नहीं आ रहा है. महाराष्ट्र में टमाटर के खुदरा दाम 25 से 30 रुपए प्रति किलो तक वसूले जा रहे हैं. लोगों को टमाटर की बंपर पैदावार के सीजन में भी कोई रियायत नहीं मिलती दिखाई दे रही है.
ये किसान भी परेशान
इन दिनों सिर्फ टमाटर उत्पादक किसान ही बल्कि शिमला मिर्च और पशुपालक भी परेशान हैं. किसानों को मंडी में सही भाव न मिलने से ये सब निराश हैं. कुछ दिन पहले ही सांगली जिले के किसान ने ट्रॉली से भरे शिमला मिर्च को मुफ्त में बांट दिया था.