दूध की महंगाई का असर देश से दूध और इससे बनने वाले प्रोडक्ट्स के निर्यात पर पड़ा है. इस साल देश से मिल्क प्रोडक्ट्स के एक्सपोर्ट में 50 फीसद से ज्यादा की गिरावट आई है, वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि वित्तवर्ष 2023-24 की जून तिमाही के दौरान देश से सिर्फ 12326 टन मिल्क प्रोडक्ट्स का एक्सपोर्ट हो पाया है जबकि वित्तवर्ष 2022-23 की जून तिमाही के दौरान यह आंकड़ा 24762 टन हुआ करता था. मूल्य के आधार पर देखें तो इस साल जून तिमाही के दौरान देश से 442 करोड़ रुपए के मिल्क प्रोडक्ट्स का एक्सपोर्ट हुआ है जबकि पिछले साल जून तिमाही में यह आंकड़ा 810 करोड़ रुपए हुआ करता था.
बीते एक साल के दौरान देश में दूध की कीमतों में जोरदार तेजी आई है साथ में दूध देने वाले पशुओं में लम्पी स्किन बीमारी की वजह से उत्पादन भी प्रभावित हुआ है जिस वजह से सप्लाई पर असर पड़ा है. कीमतों की बात करें बीते एक साल के दौरान दाम करीब 25 फीसद बढ़ा है. उपभोक्ता मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि एक साल पहले देश में दूध का मॉडल भाव 48 रुपए प्रति किलो हुआ करता था जो इस साल बढ़कर 60 रुपए हो गया है, शनिवार को मॉडल भाव 60 रुपए प्रति किलो दर्ज किया गया है.
दूध की इस बढ़ी हुई महंगाई की वजह से रिटेल महंगाई भी आसमान पर है, बीते जुलाई के दौरान देश में रिटेल महंगाई दर 7.44 फीसद दर्ज की गई है. जुलाई के दौरान दूध और दूध के बने प्रोडक्ट्स की महंगाई 8.34 फीसद दर्ज की गई है. लंबे समय से दूध की महंगाई औसत महंगाई दर से ऊपर चल रही है.
दूध की महंगाई में बढ़ोतरी की वजह चारे की महंगाई भी है, लंबे समय से चारे की कीमतें आसमान पर बनी हुई है जिस वजह से दूध उत्पादन की लागत बढ़ गई है और कीमतें आसमान पर हैं. इस साल अगस्त के दौरान देशभर में मानसून की बरसात में भारी गिरावट दर्ज की गई है जिस वजह से चारे के उत्पादन पर असर पड़ सकता है, और ऐसा हुआ तो दूध की महंगाई बनी रहने की आशंका बढ़ जाएगी. साथ में दूध और दूध के प्रोडक्ट्स का एक्सपोर्ट भी प्रभावित होगा.
Published August 27, 2023, 14:01 IST
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