अगर आपने ओला, , इथर एनर्जी, टीवीएस मोटर और हीरो के इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदे हैं तो आपको इसके चार्जर का पैसा रिफंड किया जाएगा. आप अपने स्कूटी के बिल के ब्रेक-इवेन में जाकर अपने चार्जर के प्राइस को चेक कर सकते हैं. सरकार के सख्त रुख के बाद दिग्गज इलेक्ट्रिक स्कूटर कंपनियां अपने इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदारों को बैटरी चार्जर का पैसा वापस करने को तैयार हो गई हैं.
केंद्र सरकार ने फेम 2 के तहत कई ईवी कंपनियों की सब्सिडी पर रोक लगा दी है. भारी उद्योग मंत्रालय फेम 2 के तहत मिली सब्सिडी के मामले में नियमों के पालन न होने की जांच कर रहा है. इस मामले में अनियमितता पाए जाने की वजह से ही सरकार ने Okinawa Autotech से 116 करोड़ रुपए और Hero Electric से 133 करोड़ रुपए का हर्जाना जमा करने को कहा है.
दबाव का असर
सरकार के दबाव के बाद ईवी कंपनियां हरकत में आती दिख रही हैं. सबसे पहले ओला ने ग्राहकों से लिया बैटरी चार्जर का पैसा वापस करने का ऐलान किया था.. इसके बाद दूसरी कंपनियों ने भी इसका ऐलान किया है. ये सभी कंपनियां मिलकर ग्राहकों को कुल करीब 288 करोड़ रुपए वापस करेंगी. कंपनियों ने कहा कि वे ऑफ बोर्ड चार्जर के लिए लिए ली गई राशि का 100 फीसद वापस कर देंगी.
सबसे पहले ओला स्कूटर्स ने अपने ग्राहकों के 130 करोड़ रुपए वापस करने का फैसला किया. ओला ने ग्राहकों से ऑफ-बोर्ड चार्जर के लिए ये पैसे वसूले थे. ओला ने भारी उद्योग मंत्रालय को भेजे पत्र में यह बताया है कि वह ग्राहकों से चार्जर के लिए वसूली गई रकम वापस करेगी. एथर एनर्जी ने अपने 95 हजार ग्राहकों को 140 करोड़ रुपए वापस करने का ऐलान किया है.
क्या था मामला
केंद्र सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय की जांच में पाया गया कि ओला कंपनी अपने ग्राहकों से चार्जर के लिए करीब 20 हजार रुपए तक extra charge कर रही थी जो कि उसकी फेम-2 स्कीम का उल्लंघन है. ओला के बाद बाकी e-scooter कंपनियों ने रिफंड करने का फैसला किया है. वहीं कंपनियां अब चार्जर के लिए ग्राहकों से कोई एक्स्ट्रा चार्ज नहीं लेंगी.
क्या है फेम-2
फेम-2 स्कीम का मतलब है Faster Adoption of Electronic Vehicles स्कीम. इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 2019 में यह स्कीम लॉन्च की थी. इसके तहत ग्राहक को 15,000 रुपए प्रति kWh सब्सिडी दी जाती है.