केंद्र सरकार इलेक्ट्रिक वाहन (EVs) उद्योग को प्राथमिकता वाले क्षेत्र की ऋण श्रेणी (Priority Sector Lending Category) में शामिल करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी.
अधिकारी ने कहा, ”सरकार को EVs को प्राथमिकता वाले क्षेत्र में शामिल करने के लिए एक प्रस्ताव मिला है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) बैंकों के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्र की ऋण श्रेणी को फिर से तैयार करने पर विचार करेगा.”
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर सरकार, आरबीआई और अन्य हितधारकों के बीच चर्चा की जाएगी. आरबीआई के दिशानिर्देशों के अनुसार बैंकों को अपने समायोजित शुद्ध बैंक ऋण का 40 प्रतिशत प्राथमिकता वाले क्षेत्र को देना अनिवार्य है. भविष्य में इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के अलावा गैर परंपरागत ऊर्जा क्षेत्र को भी प्राथमिकता वाले क्षेत्र का दर्ज दिए जाने पर विचार हो सकता है.
फिलहाल देश में प्राथमिकता वाले सेक्टर का दर्जा 7 सेकटर्स को है, इनमें कृषि, MSME, एक्सपोर्ट क्रेडिट, एजुकेशन, हाउसिंग, सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर और अक्षय ऊर्जा क्षेत्र शामिल हैं.