साल 2020 में जब कोरोना की वजह से लॉकडाउन लगाया गया तो देश के तमाम प्रवासी श्रमिक अपने गृह जनपद को पलायन करने लगे. वहां पहुंचने पर उन्हें आजीविका के लिए रोजगार (Employment) की जरूरत थी, ऐसे में खादी ग्रामोद्योग श्रमिकों के लिए उम्मीद की किरण बनकर सामने आया और श्रमिकों को रोजगार (Employment) का अवसर दिया. वर्तमान में कोरोना की दूसरी लहर के बीच कई राज्यों में लॉकडाउन जारी है, मगर फिर भी खादी कारीगरों के लिए पर्याप्त रोजगार के अवसरों ने उन्हें दोबारा वित्तीय संकट से लड़ने में काफी मदद की है.
दरअसल, देश के अधिकांश हिस्से कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के चलते लॉकडाउन में हैं. इस साल मार्च से मई के बीच मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर को भारी झटका लगने के बावजूद खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) को 45 करोड़ रुपये से ज्यादा के खरीद ऑर्डर मिले हैं, जो लाखों खादी कारीगरों को आजीविका प्रदान करने में मददगार साबित होंगे. यह खरीद ऑर्डर जनजातीय मामलों के मंत्रालय, भारतीय रेल और एयर इंडिया से आए हैं.
वहीं जनजातीय छात्रों के लिए 6.38 लाख मीटर पॉली खादी कपड़े की खरीद के लिए केवीआईसी और जनजातीय मामलों के मंत्रालय के बीच समझौता ज्ञापन को अप्रैल 2021 में बढ़ा दिया गया है. कपड़े के ऑर्डर को बढ़ाकर 8.46 लाख मीटर कर दिया गया है, जिसकी कीमत 20.60 करोड़ रुपये है. यह ऑर्डर उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान और हरियाणा के कई खादी संस्थानों में वितरित किया गया है. इस साल जून तक सामग्री की आपूर्ति कर दी जाएगी.
इसी तरह, रेल मंत्रालय ने अप्रैल से मई के बीच केवीआईसी को 19.50 करोड़ रुपये के खरीद ऑर्डर दिए हैं. इससे देश भर में 100 से अधिक खादी संस्थानों के साथ पंजीकृत कारीगरों को सीधे लाभ होगा, जो विशेष सामग्री जैसे बिछाने के कपड़े, तौलिए, चादर, फ्लैग बैनर, स्पंज कपड़े, दोसूती कॉटन खादी और बंटिंग कपड़े आदि के उत्पादन में लगे हुए हैं. इस सामग्री की सप्लाई जून और जुलाई 2021 के बीच की जाएगी.
भारत का राष्ट्रीय विमान वाहक एयर इंडिया भी अपने एग्जीक्यूटिव और बिजनेस क्लास के अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए 4.19 करोड़ रुपये की लागत वाली 1.10 लाख सुविधा किट खरीदेगा.
अप्रैल के महीने में जारी ताजा सप्लाई ऑर्डर एविएशन क्षेत्र, विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय परिचालन से आया है. कोविड-19 महामारी से हुए नुकसान के बावजूद यह ऑर्डर केवीआईसी को मिले हैं. खादी सुविधा किट में प्रीमियम हर्बल कॉस्मेटिक उत्पाद शामिल हैं, जैसे खादी हैंड सैनिटाइजर, खादी मॉइस्चराइजिंग लोशन, खादी लेमनग्रास ऑयल, खादी हैंडमेड साबुन, खादी लिप बाम, खादी गुलाब फेस वॉश, एसेंशियल ऑयल आदि. ये उत्पाद छोटे ग्राम उद्योग इकाइयों द्वारा निर्मित होते हैं.
केवीआईसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि कोविड-19 महामारी के इस कठिन समय में इतने बड़े ऑर्डर केवीआईसी के कारीगरों के लिए अधिकतम रोजगार पैदा करने और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को पूरा करने के प्रयासों को बढ़ावा देंगे. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान केवीआईसी के सामने कारीगरों के रोजगार और आजीविका को बनाए रखने की सबसे बड़ी चुनौती है.
जनजातीय मामलों के मंत्रालय, भारतीय रेल और एयर इंडिया की तरफ से बड़ी संख्या में मिले इन ऑर्डरों से खादी के चरखे की कताई जारी रहेगी और इसका अर्थ यह कि यहां कताई करने वालों, बुनकरों, संबंधित कारीगरों और श्रमिकों के साथ-साथ ग्रामीण उद्योगों में लगे एक विशाल कार्यबल के लिए रोजगार और आय सुनिश्चित होगी.