अंतरिम बजट पेश होने से पहले आर्थिक समीक्षा पेश नहीं की जाएगी. वित्त मंत्रालय ने सोमवार को इसकी जानकारी दी है. लंबे समय से यह परंपरा चल रही थी कि हर साल बजट से पहले वित्त मंत्रालय आर्थिक समीक्षा जारी करता था. वित्त मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि इस बार आर्थिक समीक्षा (Economic Survey of India) चुनाव के बाद आने वाले पूर्ण बजट से पहले पेश किया जाएगा. आर्थिक मामलों के विभाग ने अंतरिम बजट से पहले आज ‘The Indian Economy: A Review’ नाम से एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कहा गया कि अगले वित्त वर्ष में भी देश की आर्थिक वृद्धि दर 7 फीसद के लगभग रहने की उम्मीद है.
1 फरवरी को अंतरिम बजट
गौरतलब है कि संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू हो रहा है. 1 फरवरी को अंतरिम बजट आने वाला है. बजट सत्र के पहले दिन हर बार की तरह इस बार भी आर्थिक समीक्षा पेश की जाने की उम्मीद थी लेकिन अब विभाग ने इससे इंकार कर दिया है. दरअसल, आर्थिक समीक्षा में हर बार यह बताया जाता है कि पिछले बजट में सरकार ने जो लक्ष्य तय किए थे, उसमें से कितना पूरा हुआ और कितना शेष रह गया. यानी आर्थिक समीक्षा सरकार के पिछले एक वित्त वर्ष में किये गए काम की समीक्षा होती है. सरकार ने इस बार जो रिव्यू रिपोर्ट दिया है वो एक तरह से आर्थिक समीक्षा की भरपाई जैसा ही है.
क्या लिखा है इस रिपोर्ट में?
सरकार ने इस रिपोर्ट को जारी करते समय यह साफ कहा है कि यह आर्थिक मामलों के विभाग के द्वारा तैयार की जाने वाली आर्थिक समीक्षा नहीं है लेकिन इसे भी मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन की देखरेख में ही तैयार किया गया है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7 फीसद के करीब रह सकती है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि सरकार ने पिछले 10 सालों में जो आर्थिक सुधार किए हैं, उनके चलते निजी उपभोग और निवेश तेज है. इन कारणों से घरेलू मांग शानदार बनी हुई है. फिजिकल व डिजिटल इंफ्रा में इन्वेस्टमेंट और विनिर्माण को बढ़ावा देने वाले उपायों से सप्लाई साइड में भी स्थिति मजबूत हुई है.
देश की अर्थव्यवस्था हुई मजबूत
सरकार ने इस रिपोर्ट में कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है. रिपोर्ट के अनुसार, साल 2030 तक आर्थिक वृद्धि दर 7 फीसद से काफी ऊपर निकल सकती है. जिस रफ्तार से फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम हो रहा है, बैलेंस शीट मजबूत हो रहा है, तेजी से बढ़ रही डिजिटल बुनियादी संरचना के चलते संस्थागत दक्षता में सुधार और तकनीकी प्रगति को देखते हुए यह संभव लग रहा है.
2019 में 2014 से ज्यादा थी ग्रोथ
रिपोर्ट में बताया गया है कि कोरोना काल के पहले भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7 फीसदी से ज्यादा रही थी. सरकार ने कहा है कि वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों के खराब होने के बाद भी 2014 से 2019 के बीच सात फीसदी से ज्यादा ग्रोथ रेट रही. आने वाले सालों में भी भारत के लिए सात फीसदी से ऊपर ग्रोथ रेट संभव लगती है.