कोविड -19 के कारण NRIs को टैक्स फाइल करने को लेकर बढ़ी मुश्किलें

जिनका रेसिडेंशियल स्टेटस बार-बार बदलता रहता है. जो लोग ट्रेवल करते हैं उन्हें अक्सर अपने रेजिडेंशियल स्टेटस का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है.

Income Tax Return, NOTICE, INCOME TAX

नए इनकम टैक्स पोर्टल में आ रही परेशानियों को देखते हुए सरकार ने टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत दी है.

नए इनकम टैक्स पोर्टल में आ रही परेशानियों को देखते हुए सरकार ने टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत दी है.

निवासी भारतीयों और अनिवासी भारतीयों के लिए टैक्सेशन (Tax) रूल्स काफी अलग हैं. यह उन लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण हो जाता है जिनका रेसिडेंशियल स्टेटस बार-बार बदलता रहता है. जो लोग ट्रेवल करते हैं उन्हें अक्सर अपने रेजिडेंशियल स्टेटस का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है. कोविड -19 के दौरान, बहुत से लोग फंस गए और अपने-अपने डेस्टीनेशन तक वापस नहीं पहुंच पाए. इससे उनका रेजिडेंशियल स्टेटस प्रभावित हुआ. मनी9 हेल्पलाइन पर हमसे ये सवाल पूछा गया:

सवाल – मेरे पिता एक अनिवासी भारतीय (NRI) हैं, जो सितंबर 2020 में भारत लौटे थे. उसी साल एक बीमा पॉलिसी भुगतान था जो हमें NRI स्टेटस की वजह से 30% टैक्स कटौती के साथ मिला था. हम इस साल टैक्स रिफंड के लिए ITR फाइल करने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि, इस साल के लिए, वो NRI होने के लिए क्वालीफाई नहीं हैं. ऐसे में क्या हमें ITR फॉर्म-1 या ITR फॉर्म-2 का इस्तेमाल करना चाहिए? कृपया सलाह दें.
-नमित कोरगांवकरी

इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमने टैक्सबड्डी डॉट कॉम के फाउंडर सुजीत बांगर से संपर्क किया:

एक्सपर्ट व्यू
यदि आपका भारत में स्टे 182 दिनों से अधिक है, तो टैक्सेशन पर्पज के लिए आपका स्टेटस रेसीडेंट है. आपके पिता सितंबर 2020 में भारत लौट कर आए, और ऐसा लगता है कि वो फाइनेंशियल ईयर के अंत तक यहां रहे. यदि आपके पिता 27 सितंबर, 2020 से भारत में हैं, तो वो भारत में 182 दिनों का स्टे पूरा कर लेते हैं.

इसलिए, वित्त वर्ष 2010-21 के लिए आपके पिता का रेजिडेंशियल स्टेटस NRI नहीं होगा. ऐसा लगता है कि उनके पास केवल भारत में कमाई इनकम है जैसे LIC मैच्योरिटी/इंटरेस्ट.  इसलिए वो ITR-1 दाखिल कर सकते है और यह रिटर्न दाखिल करते समय वो रिफंड का क्लेम कर सकते हैं.

सामान्य समय में, जो लोग ITR-1 के लिए एलिजिबल हैं, उनके लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की नियत तारीख 31 जुलाई है. लेकिन इस साल महामारी के कारण, इन टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की नियत तारीख 30 सितंबर, 2021 तक बढ़ा दी गई है. कृपया अपने 26 AS स्टेटमेंट की जांच करें और पता करें कि इस TDS के लिए क्रेडिट है या नहीं. यदि किए गए TDS के लिए क्रेडिट अभी तक प्रदर्शित नहीं हो रहा है, तो यह TDS फाइलिंग के लिए एक्सटेंडिड डेडलाइन के कारण डिडक्टर द्वारा TDS स्टेटमेंट सबमिशन करने में देरी के कारण होगा.

ऐसी परिस्थितियों में, आपको अपने 26 AS स्टेटमेंट में TDS क्रेडिट दिखाई देने तक इंतजार करना चाहिए. एक बार यह 26AS में दिखाई देने के बाद, अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करें. वैसे भी आपको 30 सितंबर, 2021 से पहले ITR फाइलिंग पूरी करनी होगी.

Published - August 3, 2021, 09:01 IST