दूरसंचार विभाग ने टेलीकॉम ऑपरेटर्स को दी ग्राहक आवेदन फॉर्म का डिजिटलीकरण करने की अनुमति

कागजी दस्तावेजों को डिजिटलीकरण के बाद नष्ट किया जा सकता है. हालांकि, कानून प्रवर्तन एजेंसियों/अदालतों के निर्देश पर इसे संभालकर रखने की जरूरत होगी.

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ग्राहक आवेदन फॉर्म के डिजिटलीकरण के लिए सोमवार को दूरसंचार विभाग ने दिशानिर्देश जारी किय थे. PC: Pixabay

ग्राहक आवेदन फॉर्म के डिजिटलीकरण के लिए सोमवार को दूरसंचार विभाग ने दिशानिर्देश जारी किय थे. PC: Pixabay

दूरसंचार विभाग (DoT) ने दूरसंचार कंपनियों (Telecom operators) को ग्राहक आवेदन फॉर्म्स का डिजिटलीकरण करने की अनुमति दे दी है. इससे ग्राहकों से जुड़े आंकड़ों को अपडेट करना आसान हो जाएगा. विभाग के इस कदम से टेलीकॉम ऑपरेटर्स को ग्राहक के आवेदन फार्म (CAF) जमा करने और उसे संभालकार रखने की व्यवस्था से भी छुटकारा मिलेगा.

ग्राहक आवेदन फॉर्म के डिजिटलीकरण के लिए सोमवार को दूरसंचार विभाग ने दिशानिर्देश जारी किय थे. इन दिशानिर्देशों में कहा गया, ‘‘दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को कागज आधारित सीएएफ दस्तावेजों की डिजिटल रूप से स्कैन की गई रंगीन प्रतियों को रखने की अनुमति है. सभी सक्रिय ग्राहकों के लिए सीएएफ दस्तावेजों की डिजिटल रूप से स्कैन की गई प्रतियों को सुरक्षित रखा जाना चाहिए.’’

जिन लोगों ने सेवाएं लेना छोड़ दिया है, उनके मामले में दूरसंचार कंपनियों को सीएएफ दस्तावेजों की डिजिटल रूप से स्कैन की गई प्रतियों को तीन साल की के लिए संभालकर रखने की आवश्यकता होती है.

विभाग ने दिशानिर्देशों में कहा, ‘‘कागजी दस्तावेजों को डिजिटलीकरण के बाद नष्ट किया जा सकता है. हालांकि, कानून प्रवर्तन एजेंसियों/अदालतों के निर्देश पर इसे संभालकर रखने की जरूरत होगी.’’ साथ ही विभाग ने कहा कि टेलीकॉम ऑपरेटर्स के गोदामों में कागजी दस्तावेजों को संभाल कर रखने का वर्तमान प्रावधान समाप्त हो गया है और कागजी आवेदन फॉर्म के साथ दस्तावेजों के ऑडिट की आवश्यकता नहीं है.

यहां बता दें कि टेलीकॉम सीएएफ बहुत महत्वपूर्ण दस्तावेज होते हैं और नियमों के अनुपालन में कोई विसंगति होने पर टेलीकॉम ऑपरेटर्स पर प्रति फॉर्म 1,000-50,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है.

Published - October 12, 2021, 01:36 IST