दिल्ली में इलेक्ट्रिक ऑटोरिक्शा के लिए रिजर्व होंगे 4,000 नए परमिट

जल्द ही राजधानी में सीएनजी स्टेशनों पर इलेक्ट्रिक वाहनों की सुविधा के लिए बैटरी स्वैपिंग या फास्ट चार्जिंग पॉइंट का इंतजाम किया जाएगा.

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representative image: दिल्ली में मिलेगा इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा को बढ़ावा, परिवहन विभाग ने बनाई योजना

representative image: दिल्ली में मिलेगा इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा को बढ़ावा, परिवहन विभाग ने बनाई योजना

दिल्ली परिवहन विभाग जल्द ही रजिस्टर्ड इलेक्ट्रिक ऑटो-रिक्शा (electric autorickshaw) के लिए 4,000 नए परमिट को आरक्षित करेगा. कोरोना से परिवहन के क्षेत्र में धीमी पड़ चुकी रफ्तार में परिवहन विभाग का यह कदम तेजी लाने का काम करेगा. ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि जल्द ही राजधानी में सीएनजी स्टेशनों पर इलेक्ट्रिक वाहनों की सुविधा के लिए बैटरी स्वैपिंग या फास्ट चार्जिंग पॉइंट का इंतजाम किया जाएगा.

इस पहल से इलेक्ट्रिक वाहनों को मिलेगा बढ़ावा

परिवहन विभाग के इस कदम का उद्देश्य दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहन नीति के रोलआउट को एक नई दिशा देना है. फिलहाल शहर में 95,000 पंजीकृत ऑटो-रिक्शा है, जो सभी सीएनजी पर चलते हैं. दिल्ली में रजिस्टर्ड वाहनों पर एक लाख की सीमा है. दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहन अभी भी बहुत महंगे हैं, इसलिए हमने दो क्षेत्रों की पहचान की जो दिल्ली सरकार की सब्सिडी का उपयोग करके प्रभावी हो सकते हैं. इसमें दो पहिया और तीन पहिया वाहन शामिल हैं. इसलिए, सरकार ने एक प्रस्ताव को मंजूरी दी है जिसमें कम से कम 4,000 ऑटो रिक्शा परमिट केवल उन्हीं लोगों को दिए जाएंगे जिनके पास ई-ऑटो (electric autorickshaw) है. इसका मतलब है कि दिल्ली में बचे हुए ऑटो रिक्शा को अब बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक होना होगा.

सबसे कम इलेक्ट्रिक ऑटो की कीमत

इलेक्ट्रिक ऑटो (electric autorickshaw) जहां एक तरफ कीमत में काफी सस्ते हैं तो वहीं इसे एक्सिस करना भी काफी आसान है. एक सीएनजी ऑटो-रिक्शा की लागत लगभग 2 से 2.27 लाख रुपये है, जबकि सब्सिडी के बाद एक इलेक्ट्रिक ऑटो-रिक्शा की कीमत लगभग 1.5 लाख रुपये है. परिवहन विभाग जल्द ही इसके लिए आवेदन जारी करेगा.

सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण कदम

एक ऑटो चालक के मुताबिक, इलेक्ट्रिक ऑटो (electric autorickshaw) उनके लिए समस्या पैदा कर सकते हैं, क्योंकि शहर में अभी पर्याप्त बैटरी स्वैपिंग स्टेशन नहीं है. सीएनजी ऑटो से हर दिन लगभग 200 किलोमीटर की दूरी तय की जा सकती है लेकिन सस्ता होने के बावजूद भी एक इलेक्ट्रिक ऑटो लगभग 100-140 किलोमीटर तक ही चलेगा. ऑटो चालकों का मानना है कि शहर में बैटरी स्वैपिंग केंद्रों का उचित नेटवर्क नहीं होगा तो हमारा व्यवसाय प्रभावित होगा. इसलिए, सरकार को पहले पर्याप्त बैटरी स्वैपिंग स्टेशन स्थापित करना चाहिए, फिर यह नियम लाना चाहिए.

Published - July 21, 2021, 02:09 IST