आंकड़ों को साझा करना तो ठीक लेकिन सुरक्षा भी जरूरी

भारत में वित्तीय बाजारों को समृद्ध और व्यापक बनाने के लिए आंकड़ों का उपयोग काफी महत्वपूर्ण है.

entry of private players in space sector will help boost innovation and economy

इंडियन स्पेस एसोसिएशन के बनने से उन चुनौतियों को खत्म करने में मदद मिलेगी, जो अब तक स्पेस सेक्टर के विकास में बाधा डाल रही थीं

इंडियन स्पेस एसोसिएशन के बनने से उन चुनौतियों को खत्म करने में मदद मिलेगी, जो अब तक स्पेस सेक्टर के विकास में बाधा डाल रही थीं

सूचना एक ताकत है, तो आंकड़े मसल्स की तरह हैं. भारत में वित्तीय बाजारों को समृद्ध और व्यापक बनाने के लिए आंकड़ों का उपयोग काफी महत्वपूर्ण है. इससे बैंकों, बीमा कंपनियों, कर अधिकारियों और पेंशन फंड अधिकारियों के उधारदाताओं और फिनटेक कंपनियों के साथ उपभोक्ता डेटा को साझा करने के लिए सहमत होने में बढ़ावा मिला है.

अकाउंट एग्रीगेटर सिस्टम में तीन समूह शामिल होते हैं. पहले समूह में बैंक, बीमा कंपनियां, पेंशन फंड प्राधिकरण और टैक्स अधिकारी शामिल हैं, जिनके पास अथाह डेटा है. यह लाखों उपभोक्ताओं की आय, बचत, निवेश और व्यय पैटर्न पर बारीकी से जानकारी दे सकते हैं. दूसरे समूह में लोन देने वाली कंपनियां और फिनटेक इकाइयां शामिल हैं, जो इस जानकारी के उपयोग से अपने बाजार का विस्तार करती हैं. तीसरा समूह डेटा जनरेटर और डेटा यूजर के बीच में होता है. यह डेटा जनरेटर और यूजर के बीच सूचना के सहज और निर्बाध प्रवाह को सुनिश्चित करता है.

डेटा का यह उपयोग वित्तीय सेवा उद्योग का तेजी से विस्तार करेगा. विशेषज्ञों ने पहले ही कहा है कि यह सिस्टम एकीकृत भुगतान प्रणाली की परिवर्तनकारी क्षमता को सामने लाएगा. इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस डेटा से ऋणदाता और फिनटेक कंपनियां खुदरा उधारकर्ताओं और व्यवसायों दोनों को अधिक प्रभावी ढंग से विश्लेषण और लक्षित कर सकती हैं. भारत में लगभग 40% बैंक खातों का प्रतिनिधित्व करने वाले आठ बैंक पहले ही इस प्रणाली में शामिल हो चुके हैं.

हालांकि, इस आशावाद और उत्साह के बीच, नियामकों को डेटा सुरक्षा के सर्वोपरि महत्व को नहीं भूलना चाहिए. डेटा और उपभोक्ता जानकारी की गोपनीयता व सुरक्षा को बनाए रखना आधुनिक समय में सिरदर्द बन गया है. जैसे-जैसे फिनटेक और डिजिटल भुगतान प्रणाली का विस्तार हुआ, डेटा की सुरक्षा पर कंपनियां केवल सरकार और केंद्रीय बैंक पर निर्भर हो गईं. केंद्रीय बैंक के पास अभी भी इसकी जिम्मेदारी कम नहीं है.

Published - September 4, 2021, 01:37 IST