Data Leak: डाटा लीक के मामले अब तेजी से बढ़ने लगे हैं फिर चाहे वह किसी आम आदमी का हो या किसी बड़े उद्योगपतियों का. हाल के दिनों में डाटा लीक के मामले लगातार सामने आ रहे हैं लेकिन अब इस बार जो डाटा लीक हुआ है वह किसी आम आदमी की नहीं बल्कि बाजार में निवेश करने वाले निवेशकों का. यह मामला शेयर बाजार से जुड़ा है. बिजनेस स्टैंडर्ड् की खबर की मुताबिक 4.39 करोड़ निवेशकों की जानकारी लीक हो गई है. यह जानकारी सीडीएसएल की केवाईसी यूनिट ने लीक की. यह पहली बार नहीं है कि निवेशकों की जानकारी लीक की गई हो बल्कि 10 दिनों के अंदर यह दूसरी बार है.
सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CDSL) की अनुषंगी कंपनी सीडीएसएल वेंचर्स लिमिटेड (CVL) ने दस दिनों में दो बार चार करोड़ से अधिक भारतीय निवेशकों का व्यक्तिगत और वित्तीय ब्योरा उजागर किया है.
साइबरएक्स-9 ने इस पूरे मामले का खुलासा किया. सीडीएसएल के बारे में बात करें तो यह सेबी के समक्ष एक डिपॉजिटरी है वहीं सीवीएल एक केवाईसी पंजीकरण एजेंसी है जो सेबी के पास पंजीकृत है.
इस मामले को लेकर सीडीएसएल ने कहा कि उसने इस मामले में तत्काल कार्रवाई की है और बड़ी गड़बड़ी को ठीक कर दिया है.
कितने दिन बड़ी गड़बड़ी को ठीक करने में?
साइबरएक्स9 के अनुसार उसने 19 अक्टूबर को सीडीएसएल को बड़ी गड़बड़ी की सूचना दी थी और सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी को इसे ठीक करने में लगभग 7 दिन लगे, जिसे तुरंत हल किया जा सकता था.
साइबरएक्स9 ने कहा कि उजागर हुए डेटा में निवेशकों के नाम, फोन नंबर, ईमेल पता, पैन, आय सीमा, पिता का नाम और जन्म तिथि सहित अन्य जानकारी शामिल हैं.
सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CDSL) ने कहा कि डेटा की सुरक्षा को लेकर कहीं कोई परेशानी नहीं है. सीवीएल (CVL) को उसकी ही वेबसाइट पर अलर्ट मिला था जिसके बाद उसे ठीक कर लिया गया.
क्या है सीडीएसएल ?
जिस तरह हम अपनी जमा पूंजी को बैंक खातों में रखते हैं, वैसे ही सीडीएसएल लिमिटेड शेयरों को डीमैट अकाउंट में रखती है. यह कंपनी डीमैट खाते की सुविधा देती है.
देश में ऐसी दो ही कंपनियां हैं जो डीमैट खाते की सुविधा मुहैया कराती हैं. इनमें एक सीडीएसएल (CDSL) और दूसरी एनएसडीएल (NSDL) है.