चक्रवात यास: PM मोदी ने ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड को 1000 करोड़ देने का ऐलान किया

Cyclone Yaas: मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 50,000 की आर्थिक मदद की भी घोषणा की

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Image Courtesy: PMO India Twitter Handle

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Cyclone Yaas: चक्रवात यास की तबाही के बाद केंद्र सरकार तुरंत एक्‍शन में आ गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ओडिशा और पश्चिम बंगाल पहुंचकर 26 मई को आये तूफान यास के कारण हुए नुकसान की समीक्षा की.

इस दौरान प्रधानमंत्री ने तत्काल राहत गतिविधियों के लिए 1000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की.

इस सहायता के तहत ओडिशा को तुरंत 500 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. पश्चिम बंगाल और झारखंड के लिए और 500 करोड़ रुपये की घोषणा की गई है, जो नुकसान के आधार पर जारी किया जाएगा.

इसके अलावा केंद्र सरकार नुकसान की सीमा का आंकलन करने के लिए राज्यों का दौरा करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी दल तैनात करेगी, जिसके आधार पर आगे की सहायता प्रदान दी जाएगी.

पीएम ने पीड़ित परिवारों के प्रति व्यक्त की संवेदनाएं

पीएम मोदी ने चक्रवात से पीड़ित सभी लोगों के साथ अपनी पूरी एकजुटता व्यक्त की और आपदा के दौरान अपने परिजनों को खोने वाले परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की.

इस चक्रवात में पीड़ित परिवारों के लिए उन्होंने एक लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की. इसके अलावा मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 50,000 की आर्थिक मदद की भी घोषणा की.

वैज्ञानिक प्रबंधन पर फोकस रखना जरूरी

पीएम ने कहा कि हमें आपदाओं के अधिक वैज्ञानिक प्रबंधन पर फोकस जारी रखना होगा.

जैसे-जैसे अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती प्रणालियों की आवृत्ति और प्रभाव बढ़ रहा है, वैसे-वैसे संचार प्रणालियों, शमन प्रयासों और तैयारियों को एक बड़े बदलाव से गुजरना होगा.

इस दौरान उन्होंने राहत प्रयासों में बेहतर सहयोग के लिए लोगों के बीच विश्वास बनाने के महत्व के बारे में भी बताया.

तूफान प्रभावित इलाकों का किया सर्वेक्षण

समीक्षा बैठक के बाद पीएम तूफान यास के कारण हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए बीजू पटनायक हवाई अड्डे से हवाई सर्वेक्षण के लिए निकल गए.

यहां उन्होंने तूफान प्रभावित बालेश्वर, भद्रक और पूर्व मेदिनीपुर के तूफान प्रभावित इलाकों का विमान से सर्वेक्षण किया.

जानकारी के लिए बता दें कि ओडिशा और पश्चिम बंगाल में तूफान यास के चलते बड़े पैमाने पर राहत और बचाव कार्य चल रहे हैं.

ओडिसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पीएम के सामने जमीन के भीतर बिजली की केबल बिछाने, अन्य आधुनिक तकनीक से बिजली व्यवस्था करने और तटों की सुरक्षा के लिए भी कदम उठाने की मांग रखी.

उन्होंने कहा कि तूफान के दौरान भारी ज्वार आने के कारण तटीय इलाकों को भारी नुकसान हो रहा है. इसे ध्यान में रख कर कोस्टल स्टार्म सर्ज प्रोटेक्शन के लिए अनुरोध किया गया है.

उन्होंने कहा कि आगामी सात दिनों के अंदर नुकसान का जायजा लेकर राज्य सरकार केन्द्र सरकार को रिपोर्ट भेजेगी.

उन्होंने कहा कि तूफान के हालातों पर एक 8 मिनट का वीडियो प्रधानमंत्री को दिखाया गया. इसके अलावा तूफान प्रभावित इलाकों के चित्र भी पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से दिखाए गए.

चक्रवात ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया

ओडिसा के बाद पीएम ने पश्चिम बंगाल में चक्रवात ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया और पश्चिमी मेदिनीपुर के कलाईकुंडा में समीक्षा बैठक ली.

इस बैठक में राज्यपाल जगदीप धनखड़ भी उपस्थित रहे. इस दौरान राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस आपदा के कारण राज्य को हुए नुकसान का आकलन सौंपा और राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए केंद्र सरकार से आवश्यक राशि की मांग रखी.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बैठक के बाद ट्वीट करते हुए कहा- हिंगलगंज और सागर में समीक्षा बैठक के बाद मैं प्रधानमंत्री से कलाईकुंडा में मिलीं और उन्हें तूफान के बाद पश्चिम बंगाल की स्थिति से उन्हें अवगत कराया.

पश्चिम बंगाल की सीएम ने आगे कहा- आपदा रिपोर्ट उन्हें सौंपी गई है, इसके बाद मैं अब दीघा में राहत और बहाली कार्य की समीक्षा करने के लिए आगे बढ़ी हूं.

पीएम मोदी ने ओडिशा सरकार द्वारा चक्रवात के लिए की गईं तैयारियों और आपदा प्रबंधन गतिविधियों की सराहना की, जिसके परिणामस्वरूप कम से कम जानमाल का नुकसान हुआ.

उन्होंने यह भी कहा कि राज्य ने ऐसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए दीर्घकालिक शमन प्रयास शुरू किए हैं.

इस दौरान उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि वित्त आयोग द्वारा भी आपदा न्यूनीकरण पर जोर दिया जा रहा जा रहा है.

Published - May 28, 2021, 07:25 IST