Cyclone Tauktae से हुई तबाही का जायजा लेने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के दौरे पर है. पीएम नरेंद्र मोदी ने भावनगर अमरेली, गिर सोमनाथ, दीव का हवाई सर्वे किया है.
इस बीच, गुजरात में तौकते (Cyclone Tauktae) तूफान से मरने वालों की संख्या 45 तक पहुंच गई है. ज्यादातर मौतें मकान गिरने, पेड़ गिरने, दीवार के धराशायी होने से और बिजली का करंट लगने से हुई है.
अब तक 45 की मौत
Cyclone Tauktae से मरने वालों की संख्या कल कम थी, लेकिन आज उसकी तबाही का सही चित्र सामने आया है. Cyclone Tauktae से अमरेली जिले में 15, भावनगर जिले में 8, गिर सोमनाथ में 8, अहमदाबाद में 5, खेड़ा में 2, आणंद, वडोदरा, सूरत, वलसाड, राजकोट, नवसारी और पंचमहाल जिले में 1-1 व्यक्ति सहित राज्य में कुल 45 लोगों की मौत हो गई है.
Cyclone Tauktae से तबाही
Cyclone Tauktae तूफान ने सौराष्ट्र में काफी तबाही मचाई है. 150 किमी की रफ्तार से आए इस तूफान की वजह से सबसे ज्यादा ऊना, दीव, कोडिनार, राजुला, जाफराबाद के समुद्रतटीय इलाकों के सैकड़ों गांवो में 9 इंच तक बारिश हुई है. गांवों में मकान, खेत, पेड़, वीज पोल सब कुछ तहसनहस हो गया है.
तूफान की वजह से सोमवार रात को गांवो में दहशत का माहौल देखने को मिला. सरकार ने लोगों की सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए गांवो में बिजली सप्लाई पहले से काट दी गई थी, लेकिन ज्यादातर जगहों पर इलेक्ट्रिक पोल गिरने से तीन दिनों तक बिजली की सप्लाई दोबारा शुरू नहीं हो पाएगी.
ऊना में तबाही
ऊना में कई जगह पेड़ के साथ-साथ बिजली के खंभे भी उखड़ गए हैं. गावों भी पानी का सप्लाई भी बंद है. मोबाइल टावर गिरने से टेलीफोन सेवा भी बंद है. गांव के लोगों का कहना है कि इतनी तेजी से तूफान चल रही थी कि लोगों के घरों पे रखी पानी टंकी तक हवा में उड़ने लगी थी. दीव की बात करें तो नागवा बीच से सरकीट हाउस तक चारों ओर पानी ही पानी देखने को मिला. तूफान की वजह से नारियल के असंख्य पेड़ उखड़ गए हैं. दीव के घोघला, वणाकबारा, नागवा विस्तार में काफी तबाही हुई हैं और अभी भी बिजली का सप्लाई बंद ही है.
अहमदाबाद में भी 23 साल बाद एसा मंजर देखने को मिला है. शहर में अनेक पेड़, होर्डिंग्स गिर गए हैं. मंगलवार को शहर में 40 से 80 किमी की तेज रफ्तार से हवाएं चलीं और 20 साल बाद मई के महीने में 6 इंच तक बारिश हुई.
गुजरात के राजस्व मंत्री कौशिक पटेल ने बताया की राज्य को जो भी नुकसान पहुंचा है उसका सर्वे किया जाएगा उसके बाद एसडीआरएफ के नियम अनुसार किसानों को सहायता राशि दी जाएगी. सर्वे करने के लिए हर जिले में कलेक्टरों को सूचना दी गई है.