Cyclone: चक्रवाती तूफान ‘ताउते’ ने गुजरात और महाराष्ट्र में पहले ही इतना तांडव मचाया है. उसके बाद अब एक और चक्रवाती तूफान (Cyclone) पश्चिम बंगाल में दस्तक देने वाला है. मौसम वैज्ञानिकों ने इस तूफान को ‘यस’ नाम दिया है. पश्चिम बंगाल सरकार को मौसम विभाग की ओर से अलर्ट भेजा गया है. इसमें बताया गया है कि 26 से 27 मई को यह चक्रवात (Cyclone) पश्चिम बंगाल में दस्तक दे सकता है. 150 से 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पश्चिम बंगाल के तटवर्ती क्षेत्रों में यह तूफान दस्तक देगा, जिसकी वजह से भारी नुकसान की आशंका जताई जा रही है.
मौसम विभाग की ओर से इस बारे में अलर्ट मिलने के बाद राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सचिवालय में सभी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की है. सभी जिलाधिकारियों को चक्रवात के बारे में निर्देश भेजे जा रहे हैं.
मूल रूप से कोलकाता, हावड़ा, उत्तर और दक्षिण 24 परगना, हुगली, पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर में चक्रवात से जानमाल का भारी नुकसान हो सकता है. इसीलिए सभी जिला प्रशासन को समय से पूर्व आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया गया है ताकि नुकसान को कम से कम किया जा सके.
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 2020 में अम्फन चक्रवात ने दस्तक दी थी, जिसमें पांच लाख लोग प्रभावित हुए थे. यह तूफान भी उसी की तरह घातक हो सकता है. अम्फन को संभालने में राज्य सरकार बहुत हद तक विफल रही थी। इसलिए इस बार ऐसी किसी स्थिति का सामना न करना पड़े, इसके लिए पहले से तैयारी में जुटी हुई है.
बताना चाहेंगे कि ‘तौकते’ इस साल का पहला चक्रवाती तूफान है. इस बार तूफान को यह नाम म्यांमार ने दिया है. ‘तौकते’ का मतलब होता है तेज आवाज करने वाली छिपकली. दरअसल, जितनी बार भी तूफान दस्तक देते हैं, उतनी बार अलग-अलग देश इसे नाम देते हैं. इसी प्रकार अगला तूफान जो आएगा, उसका भी नाम पहले ही तय किया जा चुका है. इस तूफान को ‘यस’ नाम दिया गया है, जो 26 से 27 मई तक बंगाल में दस्तक दे सकता है. इस तूफान को यह नाम ओमान ने दिया है. इससे पहले कई और तरह के तूफान भी आ चुके हैं, जिनमें कुछ के नाम- बुरेवी, निसर्ग, गाती आदि रखे गए.
दरअसल, चक्रवाती तूफान का नाम रखने के लिए एक ग्लोबल पैनल काम करता है, जिसका नाम ‘वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गेनाइजेशन/यूनाइटेड नेशंस इकोनॉमिक एंड सोशल कमीशन फॉर एशिया’ है. इस पैनल में भारत समेत 13 देश हैं, जोकि तूफान को लेकर गाइडलाइंस भी जारी करते हैं. भारत के अलावा बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, ओमान, ईरान, पाकिस्तान, श्रीलंका, कतर, थाईलैंड, सऊदी अरब, यूएई और यमन शामिल हैं.
इन तूफानों का नाम रखने के पीछे जो वजहें होती हैं, उसमें एक यह भी है कि इससे साइक्लोन को याद किया जा सके. साथ ही यह प्रशासन को भी लोगों तक सही जानकारी पहुंचाने में मदद करता है. पिछले साल नामों की नई लिस्ट बनाई गई थी, जिसमें चार नामों का पहले ही इस्तेमाल किया जा चुका है. इस लिस्ट में पांचवां नाम ‘ताउते’ है.