Customized Crash Course: देशभर में कोविड फ्रंटलाइन वर्कर्स की संख्या बढ़ाने के लिए एक ‘कस्टमाइज्ड क्रैश कोर्स’ लॉन्च किया गया है. इनके माध्यम से 1 लाख युवाओं को प्रारंभिक अभियान में डॉक्टर, नर्सेज, पैरा मेडिकल स्टाफ की सहायता करने के लिए तैयार किया जाएगा. इस क्रैश कोर्स में 6 कोर्स होंगे. जिनमें 1 लाख युवा अपनी ट्रेनिंग पूरी करेंगे. प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 3.0 के तहत इसकी शुरुआत की गयी है. देश भर के 26 राज्यों में स्थित 111 प्रशिक्षण केंद्रों में ये कोर्स चलाये जाएंगे.
कोरोना महामारी ने साइंस, सरकार, समाज, संस्था और व्यक्ति के रूप में हमें अपनी क्षमताओं का विस्तार करने के लिए सतर्क किया है. इतने कम समय में वैक्सीन बनाना, रिकॉर्ड टेस्टिंग, ट्रीटमेंट, मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना या गांव और जनजातीय क्षेत्रों में कोविड केयर से जुड़ी सुविधाएं पहुंचाना इसी का परिणाम है.
पीएम मोदी क्रैश कोर्स को लेकर कहते हैं कि देश में करीब 1 लाख युवाओं को ट्रेन करने का लक्ष्य रखा गया है. ये कोर्स दो-तीन महीने में ही पूरा हो जाएगा, इसलिए ये लोग तुरंत काम के लिए उपलब्ध भी हो जाएंगे और एक ट्रेंड सहायक के रूप में वर्तमान व्यवस्था को काफी कुछ सहायता देंगे, उनका बोझ हल्का करेंगे. देश के हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की मांग के आधार पर, देश के टॉप एक्सपर्ट्स ने क्रैश कोर्स डिजाइन किया है.
होम केयर सपोर्ट कोर्स में ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर, ऑक्सीजन सिलिंडर, नेब्युलाइजर, ईसीजी और पल्स ऑक्सीमीटर जैसे बेसिक उपकरणों को चलाने में सहायता, पीपीई की डोनिंग और डफिंग, एंट्री करने व रिकॉर्ड मेंटेन करना सिखाया जाएगा.
इसके अंतर्गत बेहद बेसिक चीजें सिखाई जाएंगी जैसे उपयोग से पहले और बाद में सभी सामग्रियों/ आपूर्ति को साफ और डिसइन्फेक्ट करना, डेटा कलेक्ट करना आदि सिखाया जाएगा.
इस कोर्स में उम्मीदवार सैंपल कलेक्शन सीखेंगे. इसके अंतर्गत उन्हें स्वाब कलेक्शन, रैपिड एंटीजन टेस्ट, व कोविड एथिक्स का पालन करते हुए साइट विजिट करना जैसी चीजें सिखाई जाएंगी.
चिकित्सा उपकरण कोर्स में उम्मीदवार वेंटिलेटर, बीआईपीएपी और सीपीएपी, ऑक्सीजन उपकरण जैसे कंसन्ट्रेटर और सिलिंडर, डिजिटल थर्मामीटर, फ्लोमीटर, ह्यूमिडिफायर, पल्स ऑक्सिमीटर, मल्टीपेरा मॉनिटर, ईसीजी मशीन जैसे उपकरणों का संचालन सिखाया जाएगा.
आपातकालीन केयर सपोर्ट कोर्स में आपातकालीन स्थिति के लिए सभी कंज्यूमेबल्स, उपकरणों और अन्य इन्वेंट्री के साथ अम्बुलेशन और प्रोनिंग के लिए सहायता करना सिखाया जाएगा.
कोविड फ्रंटलाइन वर्कर अभियान के तहत एडवांस केयर सपोर्ट कोर्स में कार्डियोपल्मोनरी रिसिटेशन औए अन्य कार्यों में सहायता करना, रोगी की सहायता के लिए क्रिटिकल केयर यूनिट में नर्स की सहायता करना, पेशेंट की दवाओं व दस्तावेजों को मैनेज करने आदि होगा.
फ्रंटलाइन वर्कर्स के इस विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत, उम्मीदवारों को निःशुल्क ट्रेनिंग, स्किल इंडिया का सर्टिफिकेट, भोजन व आवास सुविधा, काम पर प्रशिक्षण के साथ स्टाइपेंड एवं प्रमाणित उम्मीदवारों को 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा भी दिया जाएगा.
कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडेय बताते हैं कि इसमें तीन हफ्तों तक फ्रेश स्किलिंग वालों को और एक हफ्ते तक अप स्किलिंग वालों को ट्रेनिंग दी जाएगी. तीन हफ्ते की ट्रेनिंग के बाद इनको जॉब की ट्रेनिंग के लिए 3 महीने के लिए विभिन्न चिकित्सा केंद्रों, अस्पतालों, डायग्नोस्टिक सेंटर्स पर और हेल्थ से जुड़ी अलग-अलग जगहों से जोड़ा जाएगा. इस ट्रेनिंग के दौरान इन सभी लोगों को इवैल्यूएट किया जाएगा और उसी के आधार पर उन्हें सर्टिफिकेट दिया जाएगा.
बता दें, इस पूरे अभियान की लागत कुल 273 करोड़ रुपये है. केंद्रीय मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडेय बताते हैं कि इसके लिए एक देशव्यापी प्रयत्न किया गया। डिस्ट्रिक्ट स्किल कमिटियों के परामर्श के बाद इसका रिस्पांस इतना अच्छा आया कि लगभग पौने तीन लाख युवा बिना किसी विशेष पहल के ही इससे जुड़ने को तैयार हो गए. शुरुआत में इसमें 1 लाख युवाओं को चिन्हित किया गया है. इसमें बड़ी संख्या में फ्रेश स्किलिंग की जा रही है.