Crypto Currency: भारत में क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजस (Crypto Currency exchanges ) कई तरह की बैंकिंग समस्याओं से जूझ रहे हैं. इसी के मद्देनजर यूके स्थित नेक्स्ट-जनरेशन क्रिप्टोकरेंसी बैंकिंग प्लेटफॉर्म (UK -based next-generation banking platform) कैशा(Cashaa), अगस्त से भारत में अपने ऑपरेशन की शुरुआत करेगा. ये क्रिप्टो बैंक, क्रिप्टो ट्रेडर्स के बीच पीयर-टू-पीयर (P2P) ट्रेडिंग में मदद करेगा.
हाल के समय में बैंकिंग सेवाओं की अनुपस्थिति के चलते कई एक्सचेंज पीयर-टू-पीयर चैनल भी मुहैया करते हैं. जहां दो पार्टियों के बीच सीधे लेनदेन किया जाता है. P2P ट्रेडिंग में एक्सचेंज कस्टोडियन के तौर पर काम करता है.
विक्रेता को एक्सचेंज में ये क्रिप्टो जमा करना होता है. एक बार जब विक्रेता भुगतान की पुष्टि कर देता है, तो क्रिप्टो एक्सचेंज द्वारा ये खरीदार के खाते में रिलीज किया जाता है.
कैशा के सीईओ और संस्थापक, कुमार गौरव ने कहा “हम अगले महीने भारत आएंगे. हम व्यक्तिगत बैंक खाते शुरू करेंगे, ताकि पर्सनल व्यापारी पीयर टू पीयर (P2P) ट्रेडिंग कर सकें. क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडर्स अब अपने बैंक खातों के फ्रीज होने के डर के बिना लेनदेन कर सकेंगे”.
ऑपरेशन सबसे पहले नई दिल्ली, गुजरात और राजस्थान से शुरू होगा. अगले चरण में महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल भी शामिल होंगे.
कैशा ने एक क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी (credit cooperative society), यूनाइटेड मल्टीस्टेट को-ऑपरेटिव सोसाइटी (United Multistate Cooperative Society) के साथ हाथ मिलाया है.
ये ज्वाइंट वेंचर उपयोगकर्ताओं को एक ही खाते से क्रिप्टोकरेंसी और फिएट दोनों के लेनदेन की अनुमति देता है. बीटा प्लेटफॉर्म में 200 से ज्यादा क्रिप्टो बिजनेस हैं, जिनमें CoinDCX और Unocoin शामिल हैं.
कैशा, क्रिप्टोकरेंसी(cryptocurrency) पर लोन और डेबिट कार्ड भी ऑफर करेगा. ये प्लेटफॉर्म क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए लोन भी देगा.
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 31 मई, 2021 को एक स्पष्टीकरण जारी किया कि बैंकों को क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency ) पर पिछले साल के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मानना होगा.
जिसमें भारत में क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग के लिए बैंकिंग सेवाओं पर प्रतिबंध हटा दिया था. स्पष्टीकरण को एक महीने हो चुका है पर क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज अभी भी असमंजस में हैं.
आरबीआई का सर्कुलर ज्यादा नहीं बदला है, क्योंकि कई बैंक अभी भी क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों(cryptocurrency exchanges ) से दूरी बनाए हुए हैं.
मई में आरबीआई (RBI) का सर्कुलर तब आया जब कई प्रमुख बैंकों ने अपने ग्राहकों को नोटिस भेजा कि अगर वे क्रिप्टो लेनदेन जारी रखते हैं, तो उनके खातों को निलंबित कर दिया जाएगा.
उस समय कई लोगों ने इसे एक सकारात्मक कदम के तौर पर इस उम्मीद से लिया कि क्रिप्टो ट्रेडिंग पर स्पष्टता आएगी, लेकिन इससे उलट एक्सचेंज अभी भी बैंकों के साथ तालमेल बिठाने में परेशानी महसूस कर रहे हैं, जो आज भी क्रिप्टो ट्रेडिंग के साथ जुड़ने में संकोच करते हैं.