इकोनॉमी के लिए दोहरी खुशखबरी है. एक ओर जनवरी की रिटेल महंगाई (CPI) में हल्की कमी आई है तो वहीं दूसरी ओर इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (IIP) में 1 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है.
जनवरी में रिटेल महंगाई (CPI) नरम होकर 4.06 प्रतिशत पर आ गयी. इसका मुख्य कारण सब्जियों की कीमतों में कमी आना है. सरकारी आंकड़ों में इसकी जानकारी दी गई है.
कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई – CPI) पर आधारित रिटेल महंगाई इससे एक माह पहले यानि दिसंबर 2020 में 4.59 प्रतिशत थी. जनवरी में इसमें हल्की कमी आई है.
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ – NSO) के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वर्ग (Food Inflation) में कीमतों में सालाना आधार पर वृद्धि की दर जनवरी 2021 में 1.89 प्रतिशत रही. दिसंबर 2020 में खाद्य महंगाई 3.41 प्रतिशत थी.
रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति तय करते समय खुदरा मुद्रास्फीति की दर पर गौर करता है. संसद ने रिजर्व बैंक (RBI) को खुदरा मुद्रास्फीति (रिटेल महंगाई – CPI) को चार प्रतिशत रखने की नीतिगत जिम्मेदारी दी है.
ये ऐसा लगातार दूसरा महीना है जब रिटेल महंगाई रिजर्व बैंक की 4 फीसदी से 6 फीसदी की सीमा के बीच ही रहा है. इससे पहले CPI 6 फीसदी के नीचे मार्च 2020 में ही थी. कोरोना महामारी के बीच अक्टूबर में ये 7.61 फीसदी तक पहुंच गया था.
इंडस्ट्री का प्रोडक्शन भी बढ़ा
देश के औद्योगिक उत्पादन (Industrial Production – IIP) में दिसंबर में एक प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
सरकारी आंकड़े के अनुसार दिसंबर 2019 में औद्योगिक उत्पादन (IIP) में 0.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी.
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP – Index of Industrial Production) के आंकड़े के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र (Construction Sector) के उत्पादन में दिसंबर 2020 में 1.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
खनन उत्पादन (Mining) में आलोच्य महीने में 4.8 प्रतिशत की गिरावट आयी जबकि बिजली उत्पादन (Electricity Production) में दिसंबर 2020 में 5.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
कोविड-19 महामारी के कारण पिछले साल मार्च से औद्योगिक उत्पादन (Industrial Production – IIP)पर असर पड़ा। मार्च में आईआईपी (IIP) में 18.7 प्रतिशत की गिरावट आयी थी.
रिटेल महंगाई (CPI) घटने से आम लोगों को राहत मिलेगी तो वहीं इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (IIP) में सुधार इकोनॉमी के लिए अच्छा संकते है.
PTI इनपुट के साथ