मुख्यमंत्री ने कहा कि एग्रेसिव ट्रेसिंग, टेस्टिंग और त्वरित ट्रीटमेंट के साथ-साथ तेज टीकाकरण की रणनीति कोविड से बचाव में अत्यंत कारगर रही है.
Covid Vaccination: 11 से 17 वर्ष की आयु के बच्चों और किशोरों के लिए टीकाकरण सितंबर तक शुरू हो सकता है क्योंकि तीसरी कोविड लहर आने का खतरा मंडरा रहा है. माना जा रहा है कि इसका शिकार मुख्यतौर पर बच्चे हो सकते हैं. लैंसेट मेडिकल जर्नल में हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि 11 से 17 साल के बच्चों के साथ रहने से 18-30% तक संक्रमित होने की संभावना बढ़ जाती है.
बच्चों से बड़ों में वायरस फैलने का खतरा
चिंता करने वाली बात ये है कि जिन बच्चों में केवल एक हल्का संक्रमण हो सकता है, वे अभी भी इसे वृद्ध लोगों को ट्रांसमिट कर सकते हैं.
एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने एक मीडिया साक्षात्कार में कहा, “यदि आप उन बच्चों के साथ रह रहे हैं जो हल्के से संक्रमित हैं, तो वे संक्रमण को घर ले जा सकते हैं और यदि वे लोगों के उच्च जोखिम वाले समूह के साथ रह रहे हैं, विशेष रूप से बड़ी आबादी के साथ, जिन्हें पहले से कुछ बीमारियां हैं तो उनके संक्रमित होने की संभावना अधिक है.”
गुलेरिया ये भी कहते हैं कि माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल भेजकर जोखिम नहीं लेना चाहते क्योंकि वे संक्रमित हो सकते हैं और इसे अपने दादा-दादी तक फैला सकते हैं जिससे परिवार में गंभीर संक्रमण फैल सकता है.
जहां तक लैंसेट अध्ययन का संबंध है, उन्होंने कहा कि इस बारे में अधिक डेटा की आवश्यकता है, लेकिन इन्फ्लूएंजा के मामले में भी ऐसा ही होता है, जहां हल्के संक्रमण वाले बच्चे इसे बड़े लोगों तक पहुंच सकते हैं, जिससे यह गंभीर हो जाता है.
बच्चों के लिए बहुत सारे टीके पहले से ही नैदानिक परीक्षणों पर हैं और अनुमोदन की प्रतीक्षा कर रहे हैं. गुलेरिया ने कहा, “जाइडस वैक्सीन का पहले ही बच्चों पर परीक्षण कर चुका है और इसे एप्रूवल मिलना बाकी है, भारत बायोटेक वैक्सीन भी एप्रूवल के इंतजार में है. फाइजर के टीके को एफडीए द्वारा अनुमोदित किया गया है. उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि सितंबर तक बच्चों का टीकाकरण शुरू हो जाएगा.