कोविड-19 (Covid 19) महामारी ने बड़े पैमाने पर नौकरियां खत्म की हैं. लेकिन, एक बार फिर से हायरिंग का दौर शुरू होता दिख रहा है. कोविड-19 (Covid 19) महामारी के चलते पिछले साल अप्रैल से जून तिमाही के दौरान शहरी इलाकों में बेरोजगारी बढ़कर 20.9 फीसदी पर पहुंच गई थी. इससे एक साल पहले यानी 2019 के अप्रैल से जून के दौरान यह दर 9.1 फीसदी थी.
PLFS सर्वे में कोविड-19 से पैदा हुए हालात दिखे
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की के तिमाही आधार पर जारी होने वाले पीरियॉडिक लेबर फोर्स सर्वे (पीएलएफएस) में बेरोजगारी में यह जबरदस्त इजाफा दर्ज किया गया है. (http://mospi.nic.in/sites/default/files/publication_reports/PLFS_Quarterly_Bulletin_April_June_2020.pdf)
इस रिपोर्ट में यह दिखाई दे रहा है कि कैसे कोविड-19 (Covid 19) फैलने के बाद सरकार के लागू किए गए सख्त लॉकडाउन के चलते नौकरियां खत्म हुई हैं. इसके चलते बेरोजगारी की दर बढ़कर 20.9 फीसदी के लेवल पर चली गई.
इस सर्वे में कहा गया है कि अप्रैल से जून 2020 के दौरान पुरुषों की बेरोजगारी दर 20.8 फीसदी रही है, जबकि महिलाओं के मामले में यह दर बढ़कर 21.2 फीसदी तक चली गई है.
स्टाफिंग फर्म हेड हंटर्स इंडिया की चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (सीईओ) किरन लक्ष्मीकांत ने मनी9 को बताया, “कोविड-19 की वजह से हर सेक्टर को तगड़ा नुकसान हुआ है. इस महामारी ने सबकुछ बदल दिया है. कंपनियों के कामकाज करने से लेकर भर्ती करने और एंप्लॉयीज को रिटेन करने तक के तौर–तरीके बदल गए हैं.”
कोविड-19 (Covid 19) के चलते कई कंपनियां बंद हुई हैं. दुनियाभर में कंपनियों को लोगों को निकालना पड़ा है. भारत में भी आईटी, आईटीईएस सेक्टर में छटनियां हुई हैं.
हालांकि, वैक्सीनेशन शुरू हो चुका है और कोविड-19 (Covid 19) की पाबंदियां मोटे तौर पर हट चुकी हैं. इसके साथ ही औद्योगिक गतिविधियां फिर से आगे बढ़ने लगी हैं.
कई सेक्टर ऐसे भी हैं जहां पर तेजी से हायरिंग शुरू हुई है. ऐसे में यह सवाल पैदा हो रहा है कि क्या हम जॉब मार्केट का सबसे बुरा दौर देख चुके हैं? क्या आने वाले वक्त में बड़ी तादाद में नई नौकरियां पैदा होने के आसार हैं और क्या 2021 के लिए शहरी बेरोजगारी के आंकड़े पहले की तरह खराब नहीं रहेंगे?
फिर से शुरू हुई हायरिंग गतिविधियां
अलग–अलग सर्वे और स्टडी से पता चल रहा है कि भारत में हायरिंग की रफ्तार एक बार फिर से कोविड-19 (Covid 19) के पहले के स्तर पर पहुंच गई है.
एडटेक स्टार्टअप स्केलर के एक हालिया सर्वे में कहा गया है कि इस साल 90 फीसदी कंपनियां कोविड-19 से पहले के दौर की रफ्तार से हायरिंग शुरू कर देंगी. इस सर्वे में शामिल 50 फीसदी से ज्यादा कंपनियों ने कहा है कि वे 2021 की पहली तिमाही में पिछली साल की इसी अवधि के मुकाबले ज्यादा लोगों को भर्ती करेंगी.
हालांकि, एक्सपर्ट का कहना है कि हायरिंग में भले ही तेजी आ रही है, लेकिन इसकी रफ्तार अभी सुस्त है.
हेड हंटर्स इंडिया की सीईओ किरन लक्ष्मीकांत मानती हैं कि भारत रिकवरी की राह पर है. हालांकि, यह धीरे–धीरे हो रही है. वे कहती हैं कि वैक्सीन आने से भी हालात बदले हैं और निश्चित तौर पर दूसरी तिमाही से और सुधार आएगा.
एचआर फर्म सिंपलीएचआर के मैनेजिंग पार्टनर रजनीश सिंह कहते हैं, “हालांकि, कुछ सेक्टरों में हायरिंग में बढ़ी है, लेकिन इसकी रफ्तार कम है. इस साल के लिए हायरिंग इस बात पर निर्भर करेगी कि कंपनियाों के लिए मौजूदा वित्त वर्ष कैसा रहा है. लेकिन, कुल मिलाकर अभी सकारात्मक संकेत दिखाई दे रहे हैं.”
हालांकि, हायरिंग में सबसे आगे रहने वाले सेक्टरों में टेक्नोलॉजी, बैंकिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज और एफएमसीजी सेक्टर शामिल हैं.
जॉब साइट साइके (SCIKEY) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी में आईटी सेक्टर में आने वाली नौकरियां 39 फीसदी बढ़ी हैं. यह ग्रोथ इससे पिछले महीने दिसंबर 2020 के मुकाबले है.
नई नौकरियों में तेजी की इस कतार में बीपीओ 10 फीसदी ग्रोथ और बैंकिंग 6 फीसदी के साथ दूसरे और तीसरे नंबर पर हैं.
बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे और दिल्ली उन शहरों में शुमार हैं जहां पर हायरिंग की गतिविधियां सबसे तेजी से चल रही हैं. आईटी सेक्टर में इन शहरों में पैदा होने वाली नई नौकरियों की हिस्सेदारी कुल नौकरियों की करीब 50 फीसदी है.
जॉब साइट इंडीड ने अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 के दौरान टेक सेक्टर में हायरिंग के ट्रेंड की स्टडी की है. इसमें कहा गया है कि जनवरी 2021 में नई नौकरियां आने की दर महामारी के पहले के स्तर पर पहुंच चुकी है.
जनवरी 2021 में टेक्नोलॉजी सेक्टर में नई नौकरियों की दर पिछले साल की जनवरी के मुकाबले 13 फीसदी बढ़ी है.
इंडीड की स्टडी में कहा गया है कि टेक सेक्टर में नौकरियां मुख्य तौर पर आईटी, आईटी आधारित सर्विसेज, फाइनेंशियल सर्विसेज, ई–कॉमर्स और कंसल्टिंग सेक्टरों में आई हैं.
इसके अलावा, लॉजिस्टिक्स, कंस्ट्रक्शन सेक्टर और स्टार्टअप्स में भी नई नौकरियां पैदा हो रही हैं.
इसी तरह से मैनपावर ग्रुप एंप्लॉयमेंट सर्वे में कहा गया है कि भारत में हायरिंग एक्टिविटी में फिर से तेजी आने लगी है. इस सर्वे में कहा गया है कि इस तेजी की अगुवाई पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन और एजूकेशन सेक्टर करेंगे और इसके बाद सर्विसेज सेक्टर का नंबर आता है.
कंपनियों ने तेज की भर्ती
अगर कंपनियों की बात करें तो आईटी कंपनी कॉग्निजेंट ने कहा है कि वह जनवरी से मार्च तिमाही के दौरान भारत में रिकॉर्ड हायरिंग करने की राह पर है. कंपनी ने उम्मीद जताई है कि वह इस साल भारत में 23,000 से ज्यादा लोगों को भर्ती करेगी.
इसके अलावा, केपजेमिनी ने कहा है कि वह भारत में वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 30,000 लोगों को हायर करेगी. कंपनी मौजूदा वित्त वर्ष के मुकाबले दोगुने लोगों को हायर करने जा रही है.
हाल में ही डोएचे बैंक ने ऐलान किया है कि उसके टेक सेंटर भारत में इस साल 1,000 लोगों की भर्तियां करेंगे.
एचसीएल ने इस साल 15,000 लोगों को भर्ती करने का टारगेट रखा है.
किरण कहती हैं कि 2020 में 7 लाख नौकरियों का अनुमान था. इस साल यह आंकड़ा थोड़ा और बढ़ सकता है.
कोविड-19 (Covid 19) के बाद के दौर में महिलाओं को वर्कफोर्स में शामिल करने पर भी कंपनियां फोकस कर रही हैं.
मसलन, इंजीनियरिंग सेक्टर की दिग्गज कंपनी लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी) ने 2020 में ट्रेनी लेवल पर 22 फीसदी महिलाओं की नियुक्ति की है.
एलएंडटी के सीईओ और एमडी एस एन सुब्रह्मण्यम कहते हैं, “अब शॉप फ्लोर, प्रोजेक्ट साइट्स और ऑफिस में ज्यादा महिलाएं हैं. एलएंडटी महिलाओं को मौके देने में बड़े प्रयास कर रही है.”
क्या सबसे बुरा दौर गुजर चुका है?
एक्सपर्ट उम्मीद जता रहे हैं कि कोविड-19 (Covid 19) महामारी की वजह से जॉब मार्केट में आई तबाही का दौर शायद अब खत्म हो चुका है.
सिंह कहते हैं, “हम 2018 से ही सुस्ती के दौर में हैं और महामारी ने ज्यादातर सेक्टरों में हायरिंग पर लगाम लगा दी. ऐसे में कोविड के पहले के दौर में पहुंचने में अभी वक्त लगेगा. शायद इसमें एक साल और लग सकता है.”
किरण लक्ष्मीकांत कहती हैं, “ऐसा लगता है कि हम अपना सबसे बुरा दौर छोड़ आए हैं. वैक्सीन आने से हालात सुधरे हैं. हालांकि, रिकवरी की रफ्तार अभी सुस्त है.”
नई स्किल्स और ट्रेनिंग
इस महामारी ने लोगों के लिए नए स्किल्स सीखने की जरूरत पैदा की है.
सबसे ज्यादा डिजिटल स्किल्स की जरूरत बढ़ी है.
किरण कहती हैं, “पहले बीएफएसआई जैसे सेक्टरों में ही डिजिटल स्किल्स की जरूरत होती थी, लेकिन अब शायद ही कोई सेक्टर ऐसा होगा जहां पर इन स्किल्स की जरूरत न हो.”
लोगों को स्किल्ड बनाने के लिए भी कंपनियां प्रयास कर रही हैं. मिसाल के तौर पर, 14 मार्च को एलएंडटी ने एक स्किल ट्रेनर्स एकेडमी का उद्घाटन किया है. इसमें देशभर से हर साल 1,500 प्रशिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि वे युवाओं को ज्यादा बेहतर तरीके से प्रशिक्षित कर पाएं.
सिंह कहते हैं कि कोविड-19 (Covid 19) महामारी के चलते टेक्नोलॉजी को जबरदस्त बूस्ट मिला है और हर चीज डिजिटल हो रही है. ऐसे में डेटा समेत टेक्नोलॉजी के इर्दगिर्द स्किल्स और नॉलेज इकट्ठी करना महत्वपूर्ण होगा.
वे कहते हैं, “ई–कॉमर्स सेक्टर में भी तेजी आएगी. इस इंडस्ट्री से जुड़ी हुई नौकरियां बढ़ेंगी. हेल्थकेयर में भी बड़ी तेजी आने वाली है, ऐेसे में इस सेक्टर से जुड़े हुए स्किल्स सीखना भी कारगर साबित होगा. इसके अलावा, इंफ्रास्ट्रक्चर को भी बढ़ावा मिलेगा और यहां भी नई नौकरियां पैदा होंगी.”
सिंह कहते हैं, “नई नौकरियों के लिहाज से डिजिटल पर जोर दे रही कंपनियां बड़े पैमाने पर हायरिंग करेंगी. ई–कॉमर्स, इंफ्रास्ट्रक्चर और हेल्थकेयर में भी नौकरियां बढ़ेंगी. फाइनेंशियल सर्विसेज, एडूटेक जैसे सेक्टर भी हायरिंग में आगे रहेंगे.”
किरण कहती हैं कि नौकरियों में बने रहने या नई नौकरी हासिल करने के लिए फैसले लेने की क्षमता, संकट प्रबंधन और रणनीतिक सोच की अहमियत बेहद बढ़ गई है.
किरण कहती हैं, “लेकिन, दूसरी तरफ कई नई चीजें भी हुई हैं. नई सर्विसेज आई हैं. डिजिटाइजेशन हर स्तर पर बढ़ा है. एपीआई से लेकर डिजिटल ट्रांजैक्शंस तक बहुत सारी चीजों को बढ़ावा मिला है.”
किरण कहती हैं कि लेकिन, इस महामारी से जॉब मार्केट में नए मौके भी पैदा हुए हैं. लॉजिस्टिक्स, एडूटेक, ई–कॉमर्स, सप्लाई चेन, ईवी, फार्मा और हेल्थकेयर, एपीआई, एआई जैसे सेक्टरों में तेज ग्रोथ आ रही है.
आंत्रप्रेन्योरशिप का ट्रेंड बढ़ा
इस महामारी ने युवाओं को खासतौर पर अपने स्टार्टअप शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया है. इसमें ऐसे लोग भी हैं जिनकी नौकरियां कोविड की वजह से छूट गईं. बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी हैं जो कि लॉकडाउन के दौरान अपने होमटाउन गए और वहां पर ही अपने वेंचर शुरू किए.
दूसरी ओर, युवा नौकरियों के लिए जोर लगाने की बजाय अपने कारोबार खड़े करने की भी ज्यादा कोशिशें कर रहे हैं. इस लिहाज से युवा ज्यादा रिस्क लेने के लिए तैयार दिखाई देते हैं.
किरण कहती हैं, आंत्रप्रेन्योरशिप बढ़ रही है और नए स्टार्टअप आ रहे हैं. वे कहती हैं कि खासतौर पर फिनटेक सेक्टर में बड़े पैमाने पर नए स्टार्टअप्स आए हैं.
“यूपीआई के आने से पेमेंट सर्विसेज के सेक्टर में बड़ा उछाल आया है. पहले एक पेटीएम थी, अब सैंकड़ों कंपनियां हैं जो कि इस सेक्टर में काम कर रही हैं.”
एंप्लॉयी लाइफ साइकल में बदलाव
किरण एक अहम ट्रेंड की ओर इशारा करती हैं. वे कहती हैं कि पिछले कुछ वक्त में एंप्लॉयीज की लाइफ साइकल में बदलाव हुआ है. पहले रिटायरमेंट की उम्र 60 साल थी अब वह घटकर 50 के आसपास आ गई है. इसी तरह से वर्कफोर्स में शामिल होने की उम्र 20-21 हो गई है.