Covaxin Efficacy Data: भारत बायोटेक ने तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल का डेटा जारी कर बताया है कि कोवैक्सीन कोविड-19 के खिलाफ 77.8 फीसदी कारगर है. भारत बायोटेक ने ट्वीट कर अंतिम तीसरे चरण का प्री-प्रिंट डेटा जारी कर कहा है कि 16 नवंबर 2020 से 7 जनवरी 2021 के बीच कुल 25,798 लोगों ने ट्रायल में भाग लिया. कंपनी की को-फाउंडर और जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर सुचित्रा एला ने कहा है कि इसी के साथ कोवैक्सीन विश्व के नक्शे पर भारत की विज्ञान के लिए पहचान बना रहे हैं.
सुचित्रा एला ने ट्विटर पर लिखा है, “हमें गर्व है कि हम विश्व के नक्शे पर भारत की पहचान वैज्ञानिक विश्वसनीयता, क्षमता और प्रतिबद्धता के लिए बना रहे हैं. कोवैक्सीन को विश्व के दिग्गज पब्लिकेशंस ने इनोवेशन, क्लिनिकल रिसर्च, डेटा, सुरक्षा, कारगर क्षमता में पूरे 10 नंबर दिए हैं. मैं महामारी के बीच भारत बायोटेक की टीम की सकारात्मकता और उनके सहयोग के लिए आभार जताती हूं.”
We are proud to put India on the global map with scientific conviction,competence & commitment. #Covaxin scores #10 world class publications endorsing Innovation, clinical research,data,safety, efficacy. Thanq collaborators & Positive BB teamwork enduring a pandemic 😇👏🏼👍🏼💉🇮🇳🙏🏼 https://t.co/c5f43WOAbQ
— suchitra ella (@SuchitraElla) July 2, 2021
भारत बायोटेक ने कहा है कि कुल 25,798 पार्टिसिपेंट में से 24,419 लोगों को कोविड-19 रोधी वैक्सीन कोवैक्सीन जिसे BBV152 भी कहा जाता है, उसकी दोनों डोज दी गई है. कुल 16,973 लोगों में से 130 लोगों में दूसरी डोज के दो हफ्ते बाद किए फॉलो-अप में संक्रमण के मामले मिले (0.77 फीसदी). वहीं 106 ऐसे लोग जिन्हें प्लेसेबो दिया गया था उनमें से 24 को संक्रमण हुआ जिससे वैक्सीन की कुल कारगर क्षमता 77.8 फीसदी आती है.
जानकारी के मुतबाकि बिना लक्षण वाले मामलों में कोवैक्सीन ने 63.6 फीसदी की सफलता दिखाई है और गंभीर संक्रमण वाले मामलो में 93.4 फीसदी.
कंपनी ने कहा कि कोवैक्सीन डेल्टा वेरिएंट पर भी 65.2 फीसदी सफल पाई जा रही है.
इसी के साथ ये कहा गया है कि वैक्सीन का इस्तेमाल सुरक्षित है और इससे कोई भी गंभीर साइड इफेक्ट नहीं देखने को मिले हैं.
भारत बायोटेक ने कहा है कि वैक्सीन का असर टीकाकरण के 146 दिनों के बाद तक देखने को मिला है जो अन्य कोविड-19 रोधी वैक्सीन से ज्यादा है.