निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) पसंद आ रही है. एनपीएस में कॉर्पोरेट कर्मचारियों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है. वित्त वर्ष 2023 में नए सब्सक्रिप्शन में 30.6 प्रतिशत की जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज हुई. वित्त वर्ष 2022 में नए सब्सक्राइबर्स की संख्या 1,47,981 थी, जबकि वित्त वर्ष 2023 में इसकी संख्या 1,93,283 पर पहुंच गई.
सरकारी कर्मचारियों की संख्या घटी
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की रिपोर्ट के अनुसार इसी अवधि में एनपीएस में केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों की संख्या कम हुई है. केंद्र सरकार की ओर से जोड़े गए एनपीएस ग्राहकों की संख्या 7.6 प्रतिशत घटकर 124,920 रही है जबकि राज्य के तहत 6.2 प्रतिशत घटकर 457,122 रह गई.
युवा सब्सक्राइबर्स घटे
रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022-23 में एनपीएस में जोड़े गए नए कॉर्पोरेट सब्सक्राइबर्स में युवाओं (18-28 आयु वर्ग) की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2022 में 34.9 प्रतिशत से घटकर 30.5 प्रतिशत हो गई. कॉर्पोरेट कर्मचारियों में ज्यादातर सब्सक्राइबर्स 35 साल से अधिक के आयु वर्ग के हैं. इस वर्ष इनकी संख्या पिछले साल के 29.3 प्रतिशत से बढ़कर 36.5 प्रतिशत हो गई. दरअसल, सरकार कर्मचारियों को ईपीएफ जैसी स्कीम से एनपीएस में जाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है.
क्या है एनपीएस
नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) को पहले सरकारी कर्मचारियों के लिए साल 2004 में शुरू किया गया था. फिर साल 2009 में इसे सभी कैटगरी के लोगों के लिए खोल दिया गया. अब कोई भी व्यक्ति अपने वर्किंग लाइफ के दौरान पेंशन अकाउंट में नियमित रूप से निवेश कर सकता है.
NPS के क्या हैं फायदे?
नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में निवेश के कई फायदे हैं. इसमें निवेश करके आप अपनी जोखिम की क्षमता के अनुसार निवेश का विकल्प चुन सकते हैं. लंबी अवधि में एनपीएस में सालाना 10 से 12 फीसद तक रिटर्न मिला है. अगर आप रिटायरमेंट के बाद के लिए फंड इकट्ठा करना चाहते हैं तो एनपीएस में निवेश बेहतर विकल्प साबित हो सकता है.