festival season: त्योहारों का सीजन शुरू हो गया है. इस दौरान आप भी सस्ता समान खरीदने का इंतजार कर रहे हैं तो इस बार आपको मायूस होना पड़ सकता है. इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने वाली चीनी कंपनियों ने अपने उत्पादन में 10 से 30 फीसदी तक की कटौती कर दी है. यह कटौती कर्मचारियों में होने वाले कोरोना संक्रमण के कारण की गई है. वहीं चीन ने श्रमिकों के बीच कोविड संक्रमण के कारण हवाई अड्डों और बंदरगाहों पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए है. इसका सीधा असर सामान की कीमतों पर पड़ने वाला है.
भारत में त्योहारी सीजन से ठीक पहले चीन के इस कदम से सामान की आपूर्ति पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा. भारत में बने इलेक्ट्रॉनिक सामानों में इस्तेमाल होने वाले पार्ट्स में चीन का हिस्सा 60 से 70 फीसदी है. पिछले कुछ महीनों से माल ढुलाई की कीमत में भी 40 से 50 फीसदी तक कि बढ़ोतरी हुई है. माल ढुलाई की कीमत पिछले तीन महीनों में लगभग दोगुनी हो गई है. ऐसे में इस बार त्योहारी सीजन में खरीदारी का रंग फीका पड़ सकता है. कोरोना संक्रमण को देखते हुए इसी साल 21 अगस्त को, शंघाई के पुडोंग इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कार्गो का संचालन अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया गया है. इसका सीधा असर इलेक्ट्रॉनिक समान के प्रोडक्शन पर पड़ रहा है.
चीन के निंगबो-झौशान बंदरगाह (Ningbo-Zhoushan Port) पर भी कामकाज पूरी तरह से ठप पड़ा है. इंडस्ट्री एक्सपर्ट ने कहा कि यह बंदरगाहों और हवाई अड्डों में कोविड मामलों पर चीन की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी को दर्शाता है. शंघाई और निंगबो दोनों ही चीनी आपूर्तिकर्ताओं (Chinese suppliers) के लिए बड़े गेटवे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन में कम से कम 15 बंदरगाह और हवाई अड्डे इस महीने 30 से 70 फीसदी क्षमता पर काम कर रहे हैं, जिनमें बीजिंग और ज़ियामेन जैसे प्रमुख बंदरगाह शामिल हैं. कर्मचारी कम होने की वजह से वर्क लोड बढ़ गया है. कई एयरलाइंस अपनी उड़ानें रद्द भी कर रही हैं.
मार्केट एक्सपर्ट के मुताबिक यह संकट ऐसे समय में आया है जब सेमीकंडक्टर चिप और टेलीविजन पैनल जैसे कंपोनेंट की पहले से ही कमी है. गोदरेज अप्लायंसेज के बिजनेस हेड कमल नंदी ने कहा कि कंपनियों को प्रोडक्शन में कटौती का सहारा लेने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. अगर ऐसे ही चीजें जारी रहीं, जैसा कि हमें डर है, तो त्योहारी सीजन के लिए आपूर्ति पर भारी दबाव पड़ेगा. इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के मुताबिक लॉजिस्टिक कंपनियों ने पहले ही संकेत दिया है कि शिपिंग लीड दोगुना होकर 60 दिनों तक हो जाएगा, जबकि कंटेनर शुल्क कोरोना के कारण पहले से ही पांच-छह गुना के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया है.