Char Dham Yatra: चार धाम यात्रा प्रारम्भ होने से धाम से जुड़े व्यवसायों की उम्मीद बढ़ गई हैं. यात्रा संचालन को लेकर मुख्यमंत्री के प्रयासों से महामरी के समय से बंद पड़े कारोबार को संजीवनी मिलने लगी है. अब तक लगभग साढ़े पांच हजार लोग दर्शन कर चुके हैं और 42 हजार से अधिक लोगों को ई-पास जारी किए जा चुके हैं.
कोरोना संक्रमण के चलते आर्थिक मंदी से जूझ रही चार धाम यात्रा और पर्यटन से जुड़े कारोबारियों के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 200 करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज जारी कर संजीवनी देने का काम किया है. इसकी बदौलत चारों धामों के होटल, रेस्टोरेंट, टैक्सी संचालक आदि के साथ ही पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए एकमुश्त सहायता राशि सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई है.
पर्यटन विभाग अब तक लगभग 15 हजार लोगों को 7 करोड़ रुपये वितरित कर चुका है. यह धनराशि लाभार्थियों के खाते में सीधे जमा कराई जा रही है. यात्रा से जुड़े व्यवसाइयों, तीर्थ पुरोहितों की परेशानियों को दूर करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. इसका असर धरातल पर दिखने लगा है.
मुख्यमंत्री ने देवस्थानम बोर्ड को लेकर तीर्थ पुरोहितों के मन में उठ रहे संशय को दूर करते हुए यह स्पष्ट किया कि चारधाम से जुड़े लोगों के हक-हकूक को किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा. देवस्थानम बोर्ड के तहत बनाई गई उच्चस्तरीय समिति द्वारा चार धाम से जुड़े तीर्थ पुरोहित की बात सुनकर सरकार के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी. कमेटी में चारों धामों से दो-दो तीर्थ पुरोहितों को भी शामिल किया जाएगा. मुख्यमंत्री की कार्यपद्धति से प्रभावित होकर तीर्थ पुरोहितों ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया.
पिछले सप्ताह गुरुवार को हुई सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने चार धाम यात्रा पर लगी रोक को कुछ प्रतिबंधों के साथ हटा दिया था. कोर्ट ने कहा था कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित किया जाए. चार धाम आने वाले सभी श्रद्धालुओं को मास्क पहनना, शारीरिक दूरी के मानक का अनुपालन कराना और सैनिटाइजेशन कराना सुनिश्चित किया जाए, साथ ही कोर्ट ने अधिकतम यात्रियों की सीमा भी तय कर दी थी. मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने केदारनाथ धाम में प्रतिदिन 800, बद्रीनाथ धाम में 1000, गंगोत्री में 600, यमनोत्री धाम में 400 श्रद्धालुओं को दर्शन करने की अनुमति दी थी.
चार धाम यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों को 72 घंटे पूर्व तक की कोविड जांच की नेगेटिव रिपोर्ट अथवा दोहरी वैक्सीन का प्रमाण पत्र साथ लाना अनिवार्य होगा, साथ ही तीर्थ यात्रियों को देवस्थानम बोर्ड में पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा. न्यायालय ने चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में होने वाली चारधाम यात्रा के दौरान आवयश्यक्तानुसार पुलिस फोर्स लगाने को कहा है. भक्त किसी भी कुंड में स्नान नहीं कर सकेंगे.