ऑनलाइन गेमिंग में सट्टेबाजी से जुड़े आउटडोर विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाने के लिए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कवायद शुरू कर दी है. मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्रा ने इस संबंध में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सचिवों को पत्र लिखकर ऐसे विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए कहा है. बता दें मंत्रालय के पास कई राज्यों में सट्टेबाजी को लेकर होर्डिंग, बैनर लगाए जाने के मामले सामने आए हैं.
ऑनलाइन गेमिंग में अवैध सट्टेबाजी पर रोक लगाने को लेकर केंद्र सरकार ने पहले ही एडवाइजरी जारी की थी. केंद्र सरकार ने अक्टूबर 2022 में न्यूज वेबसाइट्स, OTT प्लेटफॉर्म और प्राइवेट सैटेलाइट चैनलों को सट्टेबाजी वाली वेबसाइट्स या ऐप के विज्ञापन प्लेटफॉर्म पर न चलाने का निर्देश दिया था. पिछले महीने सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने यहां मीडिया से से कहा था कि दांव लगाने या सट्टेबाजी में शामिल ऑनलाइन गेम नए ऑनलाइन गेमिंग नियमों के दायरे में आएंगे. साथ ही अंग्रेजी और हिंदी अखबारों को सट्टेबाज़ी से जुड़ी वेबसाइट्स और ऐप्स के प्रचार और विज्ञापन न दिखाने की सलाह दी थी.
क्या भारत में जुए या सट्टेबाज़ी को लेकर क़ानून?
भारत में सट्टेबाजी और जुआ ग़ैर क़ानूनी हैं. कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 के तहत नियम है कि अगर कोई भ्रामक विज्ञापन दिखाता है तो उसे अपराध माना जाएगा. सट्टेबाजी के विज्ञापन भी भ्रामक होते हैं. इसी वजह से सट्टेबाजी और जुआ के विज्ञापन किसी भी प्लेटफॉर्म पर नहीं दिखाए जा सकते. इतना ही नहीं पब्लिक गैम्बलिंग एक्ट 1867 के तहत जुआ खेलना, जुए का अड्डा चलाना, जुए में सहयोग करना, पैसे लगाना या जुए से जुड़ी चीज़ों की खरीद-बिक्री भी अपराध माना गया है. इस कानून के उल्लंघन पर 200 रुपये का जुर्माना या 3 महीने तक की जेल हो सकती है. ये कानून पुराना है इसलिए इसमें अभी ऑनलाइन जुआ या सट्टेबाजी से जुड़ा कोई कानून नहीं है.