CEA सुब्रमणियम का बयान, भारत की आर्थिक स्थिति पिछली कोरोना लहर के मुकाबले बेहतर

Indian Economy: लॉकडाउन लगने अर्थव्यवस्था में पिछले साल की पहली तिमाही के दौरान 24 प्रतिशत की जबर्दस्त गिरावट आई थी.

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CEA सुब्रह्मण्यम ने कहा कि इस साल को निजीकरण के लिए याद रखा जाएगा. अभी 9 महीने बाकी हैं.

CEA सुब्रह्मण्यम ने कहा कि इस साल को निजीकरण के लिए याद रखा जाएगा. अभी 9 महीने बाकी हैं.

मुख्य आर्थिक सलाहकार के वी सुब्रमणियम ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) पिछली कोविड- 19 की लहर के मुकाबले इस बार टीका उपलब्ध होने की वजह से बेहतर स्थिति में है. ई- वाणिज्य क्षेत्र की प्रमुख कंपनी अमेजन के कार्यक्रम को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा कि इस बार अनिश्चितता काफी कम है लेकिन लोगों को सतर्कता बरतनी चाहिये.

सुबगमणियम ने कहा, ‘‘कोरोना की दूसरी लहर है इसलिये लोगों को सावधान रहने की जरूरत है, उन्हें सभी नियमों का पालन करना चाहिये. लेकिन कुल मिलाकर पिछली बार के मुकाबले इस बार हम बेहतर स्थिति में है क्योंकि टीका बन चुका है और टीकाकरण की प्रक्रिया चल रही है. इस लिहाज से अनिश्चितता काफी कम है.”

पिछले साल कोरोना वायरस महामारी के फैलने के बाद भारत में मार्च 2020 को दुनिया का सबसे कड़ा लॉकडाउन लगाया गया था. इसकी वजह से अर्थव्यवस्था (Indian Economy) में पिछले साल की पहली तिमाही के दौरान 24 प्रतिशत की जबर्दस्त गिरावट आई थी.

इस साल भी मार्च की शुरुआत से कोरोना की दूसरी लहर ने सिर उठाना शुरू किया और इसके बाद मामलों में तेज वृद्धि होने लगी. इसकी वजह से कई राजयों को कोविड- 19 की श्रृंखला को तोड़ने के लिये स्थानीय सतर पर प्रतिबंध लगाने पड़े हैं.

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना वायरस के 2,17,353 नये मामले सामने आये हैं. इन्हें मिलाकर कुल संक्रमितों का आंकड़ा एक करोड 42 लाख 91 हजार 917 पर पहुंच गया. वहीं सक्रिय मामलों की संख्या पहली बार 15 लाख से ऊपर निकल गई.

देश में शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन पिछले 24 घंटे के दौरान दो लाख से अधिक मामले सामने आये हैं.

सुब्रमणियम ने कहा कि महामारी के दौरान जो एक महत्वपूर्ण बात वसामने आई है वह है आनलाइन सामानों की खरीद- फरोख्त और डिजिटलीकरण, जिसे भारत ने तेजी से अपनायाा है.

Indian Economy: उन्होंने कहा कि भारत में 80 करोड़ लोगों को सार्वजनिक वितरण प्रणली के जरिये आवश्यक वसतुओं की आपूर्ति की गई. जनधन, आधार मोबाइल (जैम) खातों के जरिये नकद राशि का हस्तांतरण किया गया. जबकि अमेरिका जैसे दुनिया के विकसित देशों में चेक के जरिये वित्तीय सहायता लोगों को दी गई जिसमें दो माह से अधिक समय लगा.

उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मझौले उद्यमों को आधुनिक तकनीक को अपनाना चाहिये और अपने कारोबार को बढ़ाने के लिये नवोन्मेष में निवेश करना चाहिये.

Published - April 16, 2021, 08:29 IST