आयकर विभाग ने नए TDS नियम लागू करने के लिए जारी किए दिशा-निर्देश

सीबीडीटी ने आयकर अधिनियम की धारा 194आर के तहत 1 जुलाई से लागू होने वाले टीडीएस नियमों के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं.

आयकर विभाग ने नए TDS नियम लागू करने के लिए जारी किए दिशा-निर्देश

अरिहंत मुंबई में रहता है और वो एक सोशल मीडिया इनफ्लूएंसर है. वो अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स से वह कई सारे ब्रांड्स के उत्‍पादों और सेवाओं के लिए मार्केटिंग करता है. आयकर विभाग की शीर्ष संस्‍था केंद्रीय प्रत्‍यक्ष कर बोर्ड यानी CBDT ने किसी बिजनेस या प्रोफेशन से मिलने वाले लाभ पर नए टीडीएस नियमों से जुड़े दिशा-निर्देश अधिसूचित किए हैं. टीडीएस से जुड़े ये नए नियम एक जुलाई से लागू होने जा रहे हैं. सोशल मीडिया इनफ्लूएंसर पर भी नए टीडीएस नियम लागू होने की बात सुन, अब अरिहंत परेशान है. उसे कुछ समझ नहीं आ रहा है. नए नियम में कहा गया है कि अगर कोई व्‍यक्ति एक वित्‍त वर्ष में 20 हजार रुपए से ज्‍यादा का लाभ या अनुलाभ किसी भारतीय को देता है तो उसे 10 फीसदी की दर से टीडीएस काटना होगा.

चलिए अब जानते हैं कहां और कैसे ये TDS लगेगा. CBDT का कहना है कि ये अनुलाभ नकद में, वस्‍तु के रूप में या आंशिक रूप से इन दोनों रूपों में हो सकता है. वित्‍त अधिनियम 2022 में आयकर अधिनियम 1961 में एक नई धारा 194आर को जोड़ा गया है, जिसकी घोषणा इस साल के बजट में केंद्रीय वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की थी. धारा 194आर उस मामले में लागू होगी, जब कोई व्‍यक्ति नकद या किसी वस्‍तु, या स्‍पॉन्‍सर ट्रिप, विदेशी हवाई टिकट या फ्री आईपीएल (इंडियन प्रीमियर लीग) टिकट किसी को देता है तो प्राप्‍त करने वाले व्‍यक्ति के लिए इसे बिजनेस या प्रोफेशन से होने वाली आय के तौर पर माना जाएगा.

नए प्रावधान के तहत, किसी डॉक्‍टर को मिलने वाले फ्री मेडिकल सेम्‍पल और सोशल मीडिया इनफ्लूएंसर को मिलने वाले गिफ्ट पर भी अब टीडीएस लगेगा. बिक्री बढ़ाने के लिए दिया जाने वाला अनुलाभ, चाहे वह नकद रूप में हो या किसी वस्‍तु जैसे कार, टीवी, कम्‍प्‍यूटर, सोने के सिक्‍के, मोबाइल फोन, विदेश यात्रा और किसी कार्यक्रम के लिए फ्री टिकट के रूप में, सभी इसके दायरे में आएंगे.

सोशल मीडिया इनफ्लूएंसर्स के लिए अगर कोई कंपनी अपनी मार्केटिंग रणनीति के तहत किसी को कोई उपकरण देती है तो इस पर टीडीएस काटना जरूरी होगा. हालांकि, सीबीडीटी ने यह क्लियर किया है. यदि यह उपकरण कंपनी को कुछ समय बाद वापस लौटा दिया जाता है, तब ऐसे मामले में टीडीएस की अनिवार्यता लागू नहीं होगी. डॉक्‍टरों के मामले में यदि कोई डॉक्‍टर किसी अस्‍पताल में नौकरी करता है या सलाहकार है. ऐसे में अगर उसे कोई कंपनी से फ्री दवा सैम्‍पल प्राप्‍त होता है. तब इस पर भी TDS लगेगा चूंकि डॉक्‍टर अस्‍पताल का कर्मचारी है, इसलिए ये टीडीएस अस्‍पताल के स्‍तर पर काटा जाएगा.

अब आइए जानते हैं टीडीएस कब नहीं कटेगा. टैक्‍स विभाग ने सेल्‍स डिस्‍काउंट, कैश डिस्‍काउंट और ग्राहकों को दी जाने वाली छूट को टीडीएस की नई धारा से बाहर रखकर थोड़ी राहत दी है. हालांकि यहां एक प्रावधान है जिसके तहत अगर कोई विक्रेता ऊपर बताएं गए के अलावा कोई डिस्‍काउंट देता है, तब इस पर टीडीएस का नया नियम लागू होगा.

अप्रैल 2022 में आए इनकम टैक्‍स के नए नियमों के मुताबिक, जिन लोगों का स्रोत पर कर कटौती यानी TDS या स्रोत पर कर संग्रह यानी TCS एक वित्‍त वर्ष के दौरान 25,000 रुपए या इससे अधिक है, तब उसके लिए टैक्‍स रिटर्न फाइल करना अनिवार्य होगा. वरिष्ठ नागरिकों के मामले में, आईटीआर फाइलिंग के लिए कुल टीडीएस या टीसीएस की राशि 50,000 रुपए या इससे अधिक है. केंद्र सरकार ने ज्‍यादा लोगों को टैक्स दायरे में लाने के लिए आईटीआर फाइलिंग के दायरे का विस्तार किया है.

टैक्‍स एक्‍सपर्ट पंकज मठपाल का कहना है, “जो करदाता किसी बिजनेस या प्रोफेशन से नहीं जुड़े हैं, उन पर नई धारा 194आर का कोई प्रभाव नहीं होगा. बी2सी लाभ भी 194आर/ 28 (iv) के दायरे में नहीं आएंगे. लेकिन जिन लोगों ने आकलन वर्ष 2021-22 के दौरान अपना इनकम टैक्‍स रिटर्न फाइल नहीं किया है, और वित्‍त वर्ष 2020-21 में उनका सकल टीडीएस और टीसीएस 50,000 रुपए से ज्‍यादा रहा है, तब ऐसी स्थिति में चालू वित्‍त वर्ष 2022-23 में ऊंची दर से उन्‍हें टीडीएस देना होगा. टीडीएस की ऊंची दर प्रोफेशनल फीस, कॉन्‍ट्रैक्‍ट पेमेंट आदि जैसे लेनदेन पर ही लागू होगी, न कि वेतन भुगतान पर.” मनी9 की सलाह है कि, जहां भी आवश्यक हो, सभी वित्तीय लेनदेन में अपना पैन प्रस्तुत करें। समय पर अपना आईटीआर फाइल करें.

Published - October 31, 2022, 03:09 IST