Card data storage: सुरक्षा को प्राथमिकता लेकिन सुविधा भी जरूरी

आरबीआई व्यापारिक प्रतिष्ठानों के सर्वर में डेबिट या क्रेडिट कार्ड डेटा संग्रह करने के खिलाफ है.

banks, digital transactions, Money9 Edit, online payments, RBI

ग्राहकों के लिए 16 अंकों के कार्ड नंबर को याद रखना और हर बार भुगतान करने पर इसे दर्ज करना मुश्किल भरा होगा.

ग्राहकों के लिए 16 अंकों के कार्ड नंबर को याद रखना और हर बार भुगतान करने पर इसे दर्ज करना मुश्किल भरा होगा.

आज हम सभी एक समानान्तर दुनिया का अनुभव कर रहे हैं. यह है वर्चुअल दुनिया. आधुनिक सभ्यता के पदचिह्न डिजिटल और ऑनलाइन हैं. नीति निर्माता भारत को डिजिटल और ऑनलाइन भुगतान की ओर ले जाना चाहते हैं और जहां तक ​​संभव हो नकदी से दूर करना चाहते हैं. इससे पिछले कुछ वर्षों में गैर-नकद भुगतान मोड में तेजी से उछाल आया है. देश में साल 2021 की जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान डिजिटल भुगतान लेनदेन में एक साल पहले की तुलना में 76 फीसद का उछाल दर्ज हुआ है. देखने वाली बात यह है कि डिजिटल भुगतान में यह उछाल ऐसे समय में आया, जब अर्थव्यवस्था महामारी के चलते प्रभावित थी.

वहीं, डिजिटल लेनदेन बढ़ने के साथ ही ऑनलाइन फ्रॉड के मामलों में भी तेजी से वृद्धि हुई. धोखेबाजों ने ठगने के लिए डिजिटल रूप से लेन-देन करने वाले व्यक्तियों की संख्या में भारी उछाल का फायदा उठाना शुरू कर दिया. आधिकारिक स्रोतों से प्राप्त आंकड़े बताते है कि साल 2021 में जनवरी से अप्रैल माह के दौरान वित्तीय सेवाओं में होने वाले डिजिटल धोखाधड़ी के प्रयास 89% बढ़ गए. आरबीआई और सभी प्रमुख बैंक लगातार अदृश्य धोखेबाजों के बारे में जनता को चेतावनी देते रहे हैं.

भारतीय रिज़र्व बैंक इसे देखते हुए समय-समय पर कदम उठाता है. आरबीआई व्यापारिक प्रतिष्ठानों के सर्वर में डेबिट या क्रेडिट कार्ड डेटा संग्रहीत करने के खिलाफ है. वह नए भुगतान एग्रीगेटर नियम तैयार कर रहा है. केंद्रीय बैंक द्वारा उठाए जाने वाले कदमों में एक यह भी हो सकता है कि ग्राहकों को हर बार भुगतान करते समय 16 अंकों के डेबिट या क्रेडिट कार्ड नंबर को दर्ज करने की आवश्यकता होगी. अभी लोगों को सिर्फ सीवीवी और एक ओटीपी दर्ज करना होता है. धोखाधड़ी की बढ़ती शिकायतों के चलते केंद्रीय बैंक यह कदम उठा सकता है.

आरबीआई निश्चित रूप से सुरक्षा की कुछ परतों को जोड़ेगा, यह प्रक्रिया को बोझिल भी बना सकता है और डिजिटल व ऑनलाइन भुगतान में सुविधाओं को प्रभावित कर सकता है. हालांकि, धन की सुरक्षा निश्चित रूप से प्राथमिकता में आनी चाहिए, लेकिन इसके लिए सुविधाओं का एकमुश्त बलिदान भी नहीं दिया जा सकता है. इसके लिए केंद्रीय बैंक को अपने थिंकटैंक को लगाना चाहिए और डोमेन विशेषज्ञों से परामर्श करना चाहिए कि कैसे सुविधाओं को हटाए बगैर सुरक्षा की नई लेयर लगाई जा सकती है. ग्राहकों के लिए 16 अंकों के कार्ड नंबर को याद रखना और हर बार भुगतान करने पर इसे दर्ज करना मुश्किल भरा होगा. सुविधा और सुरक्षा दोनों ही जरूरी हैं.

Published - August 21, 2021, 09:50 IST