2019-20 में भारतीयों ने 2 करोड़ वाहन खरीदे. इनमें Car की हिस्सेदारी 13% के करीब थी. अगर आप भी अपनी पहली कार खरीदने या बदलने की सोच रहे हैं तो जान लीजिए कि अब ज्यादातर कार कंपनियां लॉन्ग टर्म लीज ऑप्शन पर Car दे रही हैं. इसलिए वाहन खरीदने से पहले कैलकुलेश करें और फिर तय करें कि गाड़ी खरीदना ज्यादा बेहतर है या लीज पर लेना?
लीज होता क्या है?
Car को लीज पर लेना, घर पर किराए पर लेने जैसा है. आप घर को किराए पर एक दिन या एक हफ्ते के लिए नहीं, बल्कि कम से कम एक साल या उससे ज्यादा वक्त के लिए लेते हैं. कार के केस में लीज एक डॉक्यूमेंटेड एग्रीमेंट है, जो कार मालिक के मालिक के साथ होता है. इस केस में कार मैन्युफैक्चर ही मालिक भी है. इस एग्रीमेंट के तहत कार आपको निर्धारित वक्त के लिए मिल जाती है.
लीज मालिक के तौर पर आपको केवल रेंट, और ईंधन का भुगतान करना है. जैसे किराए के घर में बिजली के चार्ज आपको देने होते हैं. लेकिन Auto की लीज में जिन चीज़ों पर आपको खर्च नहीं करना है, उनमें इंश्योरेंस, टूट-फूट, सर्विसिंग और दूसरे कैपिटल खर्चे शामिल हैं.
Auto car लीज पर लेने को कुछ ऐसे समझिए कि आप कार को बिना खरीदे और मेंटिनेंस खर्च के चला सकते हैं. जैसे आप घर का किराया, मकान मालिक को देते हैं और हर महीने पैसे देंगे और कोई डाउन पेमेंट भी शामिल नहीं है.
पूरी कैलकुलेश करें
इसको समझने के लिए पूरी तरह आंकड़ों के समझिए. इस पूरे गणित को समझने के लिए हम मारुति सुजुकी की लोकप्रिय कार, स्विफ्ट को खरीदने के खर्च और लीज पर होने वाले खर्च की आपस में तुलना करते हैं.
मारुति सुजुकी की लीज वेबसाइट के मुताबिक स्विफ्ट LXi (मैनुअल ट्रांसमिशन) लीज के लिए 16,063 रुपए प्रति महीने के हिसाब से मिनिमम 24 महीनों के लिए मिल रही है. एक सफेद नंबर प्लेट (आपके नाम पर टेम्परेरी रजिस्ट्रेशन) के लिए 12 महीने की किश्तों में 48 महीने के लिए विस्तार किया जा सकता है.
अगर नई Car खरीदते हैं तो, आप उसे कम से कम 4 साल के लिए अपने पास रखेंगे या अपग्रेड करेंगे. आइए इस पर गणना करते हैं.
16,063 रुपए प्रति महीने के हिसाब से आपको 4 सालों के लिए 7.7 लाख रुपए देने पड़ेंगे. नई दिल्ली में इसी मॉडल की ऑन-रोड कीमत 5.7 लाख रुपए से ज्यादा है. यदि आप पूरी राशि का भुगतान कर रहे हैं, तो डेल्टा 2 लाख रुपये से अधिक है. अगर आप 5 लाख रुपए का लोन कराते हैं, तो आपको 70 हजार रुपए का डाउन पेमेंट करना होगा. 4 साल के लिए 9% की दर से ब्याज 97 हजार रुपए होगा. लीज कराने पर आपको 1.03 लाख से 2 लाख तक का फायदा होगा.
कार खरीदने पर ज्यादा खर्च करना होगा
चार साल के पीरियड में कम से कम एक जोड़ी टायर (आपकी ड्राइविंग के तरीके पर भी निर्भर) पर 6 हजार रुपए खर्च आएगा.
तीन बार इंश्योरेंस का खर्च (पहला इंश्योरेंस ऑन रोड प्राइज में शामिल होगा) 5 हजार रुपए हर साल के हिसाब से 15000 होगा.
बैटरी बदलवाने का खर्च 3,500 रुपए होगा.
7 हजार रुपए साल के हिसाब से रेग्युलर सर्विसिंग पर 4 साल का खर्च 28,000 रुपए
चार के दौरान रिपेयर, टूट-फूट आदि पर अनुमानित खर्च- 10,000 रुपए
इन सब खर्च को जोड़कर कुल मिलाकर 62,500 रुपए का बेसिक खर्चा आता है. कुल 1.03 लाख की बचत में से 62,500 रुपए घटाकर लीज पर कुल मुनाफा 40,500 रुपए का होता है.
लीज में खर्चा ज्यादा या कम?
सभी खर्चों को जोड़कर चार साल के लिए कार लीज पर लेकर आप 40,500 रुपए की बचत कर सकते हैं. लेकिन 40,500 रुपए के छोटे से अमाउंट को छोड़ दें तो कार खरीदने पर आप 4 साल के बाद भी कार के मालिक रहते हैं. जो अगले 11 सालों तक आपके पास रहेगी (पेट्रोल कार की फिटनेस 15 साल होती है). इसके साथ ही आप कार को बेचकर मिलने वाले रुपयों से नई कार के लिए डाउन पेमेंट भी कर सकते हैं.
मनी9 मंत्र
कार खरीदने के दौरान लोन पर कम ब्याज देने के लिए आप ज्यादा से ज्यादा भुगतान करें. अगर आपके पास नकदी की कमी है, तो बाजार में सेकेंड हैंड कार एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है. अगर आप दो साल के लिए किन्हीं विशेष परिस्थितियों में हैं या नई कार खरीदने का प्लान कर रहे हैं, तो लीज का विकल्प बेहतर साबित हो सकता है. लीज पर कार खरीदने से पहले अग्रीमेंट के सभी नियम और कायदे को ठीक से पढ़ लेना चाहिए. साथ ही कौन से विकल्प में फायदा है, इसका पूरा गणित कर लेना भी जरूरी है.
वर्तमान में कार मैन्युफेक्चरिंग कंपनियां लीज को लेकर कई स्कीम्स लेकर आई हैं. इनमें मारुति सुजुकी, हुंडई और स्कोडा जैसे बड़े नाम शामिल हैं. अभी देखना है कि आने वाले वक्त में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच लीज की नियम शर्ते कितना और तेजी से बदलेंगी?