यूके बेस्ड केयर्न एनर्जी पीएलसी (Cairn Energy PLC) ने मंगलवार को कहा कि वह पुराने कर कानून को खत्म करने के परिणामस्वरूप 1 अरब अमरीकी डालर का रिफंड मिलने के कुछ दिनों के भीतर फ्रांस से लेकर अमेरिका तक के देशों में भारतीय संपत्तियों को जब्त करने की लिए मुकदमेबाजी को छोड़ देगा. केयर्न को भारत में जमीनी क्षेत्र में सबसे बड़ी तेल खोज का श्रेय जाता है.
केयर्न ने 2012 के कर नियम को रद्द करने के सरकार के फैसले को साहसी करार दिया है. गौरतलब है कि पिछले महीने एक कानून के जरिये 2012 के इस कर नियम को रद्द कर दिया गया था. इस कानून के तहत आयकर विभाग को 50 साल तक पुराने ऐसे मामलों में पूंजीगत लाभ कर लगाने का अधिकार था, जिसमें स्वामित्व में बदलाव तो विदेश में हुआ हो, लेकिन कारोबारी परिसंपत्तियां भारत में ही हों.
कंपनी ने सभी कानूनी मामलों को वापस लेने और रिफंड की पेशकश को स्वीकार किया है. कंपनी ने कहा है कि वह रिफंड मिलने के कुछ दिन बाद ही पेरिस में अपार्टमेंट और अमेरिका में एयर इंडिया के विमानों को जब्त करने के मामलों को वापस ले लेगी. कंपनी ने कहा कि उसके शेयरधारक भी इस पेशकश को स्वीकार करने के पक्ष में हैं.
साथ ही कंपनी ने अपने शेयरधारकों के लिए भी बड़ी घोषणा की है. कंपनी ने मंगलवार को जारी अपनी छमाही रिपोर्ट में कहा कि वह भारत सरकार से प्राप्त 7,900 करोड़ रुपये या 1.06 अरब डॉलर में से 70 करोड़ डॉलर शेयरधारकों को विशेष लाभांश या पुनर्खरीद के जरिये वापस लौटाएगी. केयर्न ने कहा कि अंतिम निपटान के कुछ ही दिन बाद कंपनी सारे मामले वापस ले लेगी.