CAD: दिसंबर तिमाही में चालू खाते का घाटा GDP का 0.2 प्रतिशत रहा

चालू खाते का घाटा (CAD) वैश्विक बाजारों के साथ लेन-देन के व्यववहर में देश की स्थिति को मामने का महत्वपूर्ण पैमाना है.

Indian economy is coming back on track, industrial production reached the level before Covid

घरेलू आर्थिक गतिविधियों में तेजी को बताते हुए कहा गया है कि भारत का व्यापारिक आयात सितंबर में 56.4 बिलियन अमरीकी डॉलर के ऐतिहासिक मासिक उच्च स्तर को छू गया है, जबकि महीने के दौरान आयात में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई. खासकर सोना, वनस्पति तेल और इलेक्ट्रॉनिक सामान में सबसे ज्यादा वृद्धि हुई है.

घरेलू आर्थिक गतिविधियों में तेजी को बताते हुए कहा गया है कि भारत का व्यापारिक आयात सितंबर में 56.4 बिलियन अमरीकी डॉलर के ऐतिहासिक मासिक उच्च स्तर को छू गया है, जबकि महीने के दौरान आयात में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई. खासकर सोना, वनस्पति तेल और इलेक्ट्रॉनिक सामान में सबसे ज्यादा वृद्धि हुई है.

देश का चालू खाते का घाटा (CAD – करंट अकाउंट डेफिसिट) दिसंबर तिमाही में कम होकर 1.7 अरब डॉलर यानी सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 0.2 प्रतिशत रहा. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के बुधवार को जारी आंकड़े के अनुसार एक साल पहले दिसंबर तिमाही में चालू खाते का घाटा (CAD) 2.6 अरब डॉलर यानी GDP का 0.4 प्रतिशत था.

आंकड़े के अनुसार चालू वित्त वर्ष में पिछली दो तिमाहियों में चालू खाते में अधिशेष की स्थिति रही. यह अधिशेष क्रमश: 15.1 अरब डॉलर और 19 अरब डॉलर रहा.

चालू खाते का घाटा (CAD) वैश्विक बाजारों के साथ लेन-देन के व्यववहर में देश की स्थिति को मामने का महत्वपूर्ण पैमाना है.

चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में इसमें 1.7 प्रतिशत अधिशेष की स्थिति रही जबकि एक साल पहले 2019-20 में इसमें 1.2 प्रतिशत का घाटा था.

भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार दिसंबर तिमाही में वस्तु व्यापार घाटा (Trade Deficit) बढ़कर 34.5 अरब डॉलर पहुंच गया जो इससे पूर्व तिमाही में 14.8 अरब डॉलर था. इसके अलावा शुद्ध निवेश आय के भुगतान में भी वृद्धि हुई.

Published - March 31, 2021, 07:28 IST