सार्वजनिक क्षेत्र (PSU) की दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल और एमटीएनएल संपत्तियां बेचकर अपनी माली हालत सुधारेंगी. सरकार ने दोनों कंपनियों से ऐसी संपत्तियां चिन्हित करने को कहा जिन्हें आसानी से बेचा जा सके या उनका मुद्रीकरण किया जा सके.
सूत्रों के अनुसार दूरसंचार विभाग (DOT) ने दोनों कंपनियों से कहा है बिक्री के लिए संपत्तियों की पहचान सर्किल आधार पर की जाए. इस प्रक्रिया के तहत 10 करोड़ रुपए मूल्य तक की संपत्तियां बेची जाएंगी. बीएसएनएल (BSNL) की ओर हर सर्किल में ऐसी 10 संपत्तियों की पहचान किए जाने की संभावना है. आर्थिक संकट से जूझ रही दोनों कंपनियां इस धनराशि का उपयोग कर्ज चुकाने और पूंजी खर्च (Capex) में इस्तेमाल करेंगी. हालांकि संकट से उबारने के लिए सरकार दोनों कंपनियों को कुल 1.64 लाख करोड़ रुपए का पैकेज दे चुकी है. लेकिन माली हालत को पटरी पर नहीं आ पाई. ऐसे में दोनों के लिए मुद्रीकरण का सहारा लेना जरूरी हो गया था.
तीन माह का समय
सूत्रों के अनुसार सभी सर्किलों के मुख्य महाप्रबंधकों (सीजीएम) को उन संपत्तियों की पहचान करने के लिए कहा गया है जो कंपनियों के बोर्ड की शक्तियों के भीतर हैं और आसानी से मुद्रीकृत की जा सकती हैं. सीजीएम को यह कार्य पूरा करने के लिए तीन महीने का समय दिया गया है. सीजीएम की रिपोर्ट के आधार पर बीएसएनएल और एमटीएनएल मुद्रीकरण लक्ष्य को डीओटी के साथ साझा करेगा.
मंजूरी जरूरी नहीं
दूरसंचार विभाग का का मानना है कि छोटी संपत्तियों की पहचान करने के लिए सरकार का कदम महत्वपूर्ण है क्योंकि सरकार इस दिशा में काफी पहले से प्रयास कर रही है लेकिन योजना सिरे नहीं चढ़ पाई. बता दें कि वर्ष 2019 में सरकार ने पहले चरण दोनों कंपनियों के लिए 69,000 करोड़ रुपए का पैकेज दिया था. साथ ही कैबिनेट ने संपत्ति के मुद्रीकरण को भी मंजूरी दी थी. नियमों के तहत 10 करोड़ रुपए से कम मूल्य की संपत्ति की बिक्री के लिए दोनों कंपनियों को मंत्रियों के समूह (जीओएम) के अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी.