कोविड-19 संक्रमण के मामलों में फिर से तेजी आने के साथ ही देश की आर्थिक रिकवरी के सामने जोखिम पैदा हो गया है. इसे देखते हुए प्रमुख ब्रोकरेज हाउसेज ने मौजूदा फिस्कल ईयर के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटा दिया है.
इन ब्रोकरेज हाउसेज ने भारत की ग्रोथ को घटाकर 10 फीसदी तक कर दिया है.
नोमुरा ने 12.6% किया ग्रोथ अनुमान
नोमुरा ने मार्च 2022 में खत्म होने वाले फिस्कल ईयर के लिए इकनॉमिक ग्रोथ को पहले के 13.5 फीसदी से घटाकर 12.6 फीसदी कर लिया है.
UBS और JP मॉर्गन ने भी घटाए ग्रोथ अनुमान
दूसरी ओर, JP मॉर्गन ने पहले भारत की ग्रोथ के लिए 13 फीसदी का अनुमान दिया था, लेकिन अब इसे घटाकर 11 फीसदी कर दिया है.
USB ने इस साल के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान 10% पर ला दिया है. पहले UBS ने भारत के लिए 12 फीसदी ग्रोथ का अनुमान रखा था.
दूसरी ओर, सिटी ने ग्रोथ को डाउनग्रेड करके 12 फीसदी कर दिया है.
गुजरे कुछ वर्षों से लगातार गिर रही है देश की ग्रोथ
पिछले साल महामारी आने के पहले से भारत की GDP ग्रोथ में गिरावट आ रही थी. 2016-17 में देश की ग्रोथ 8.3 फीसदी थी, जो कि इसके बाद 6.8 फीसदी पर आ गए और इसके दो साल बाद ग्रोथ 6.8 फीसदी और फिर 6.5 फीसदी पर आ गई है. इसके बाद 2019-20 में देश की ग्रोथ 4 फीसदी पर आ गई थी.
2022-23 में 6.8% रह सकती है आर्थिक ग्रोथ
कोविड महामारी फैलने के बाद फिस्कल ईयर 2020-21 में भारत की ग्रोथ 8 फीसदी सिकुड़ने की आशंका जताई जा रही है. ऐसे में पिछले वित्त वर्ष में ग्रोथ के लो बेस के बाद अगले वित्त वर्ष देश की ग्रोथ डबल डिजिट होने की उम्मीद जताई जा रही थी. लेकिन, 2022-23 में इसके फिर से कमजोर होकर 6.8 फीसदी पर पहुंच जाने की आशंका है.
RBI ने 2021-22 में ग्रोथ 10.5 फीसदी रहने का अंदाजा लगाया गया है, जबकि IMF ने इसे 12.5 फीसदी रखा है. वर्ल्ड बैंक ने 2021-22 के लिए 10.1 फीसदी ग्रोथ रखी है.
भारत में कोविड के केस हर दिन बड़े पैमाने पर बढ़ रहे हैं. पिछले 24 घंटे में देश में 2.61 लाख से ज्यादा नए केस आए हैं और इस दौरान 1,501 मौतें हुई हैं.