ओला इलेक्ट्रिक के संस्थापक और सीएमडी भाविश अग्रवाल ने कहा कि कंपनी ने अधिक उत्पादन, सप्लाई चेन के इंटीग्रेशन और घरेलू स्तर पर उत्पादित ‘सेल’ (बैटरी) के आधार पर मुनाफे में आने की रूपरेखा तैयार की है. अग्रवाल ने कहा कि हालांकि इलेक्ट्रिक कार बनाने की योजना फिलहाल टाल दी गई है. पीटीआई के मुख्यालय में संपादकों के साथ बातचीत में कहा कि कंपनी ऐसे उत्पाद बनाएगी जिनकी भारतीयों को जरूरत है, जिनमें से अधिकतर दोपहिया तथा तिपहिया वाहन हैं.
कंपनी ने पिछले सप्ताह इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल सेगमेंट में प्रवेश किया था. अग्रवाल ने कहा कि हमने दिखाया है कि तेज ग्रोथ के साथ निवेश करके भी, आप मुनाफे में सुधार कर सकते हैं. कर पूर्व आय से लेकर कर पश्चात आय तक के लिए लाभप्रदता की रूपरेखा तैयार की गई है. हमारे पास दो या तीन रणनीतियां हैं, जिन पर हम लगातार काम कर रहे हैं, जो आने वाली तिमाहियों में मुनाफे में सुधार लाएंगी.
वह ओला इलेक्ट्रिक की लाभप्रदता पर पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे, क्योंकि कंपनी के शेयर की कीमत 76 रुपये के सूचीबद्ध मूल्य से दोगुना होना चिंता का विषय बना हुआ है.
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ‘सेल’ लाभप्रदता की रूपरेखा का केन्द्र बिन्दु है. उन्होंने कहा, ‘चूंकि हमारे सेल उत्पादन का इस्तेमाल हमारे अपने उत्पादों में होने लगेगा, इसलिए अगले वर्ष के प्रारम्भ तक हमारे मुनाफे में भी काफी वृद्धि होगी.’
ओला इलेक्ट्रिक ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही से अपने वाहनों में ‘भारत 4680’ सेल को एकीकृत करने की योजना की पहले ही घोषणा की है. हालांकि, उन्होंने कहा कि कंपनी ने लाभ में आने के लिए कोई समयसीमा तय नहीं की है.
ओला इलेक्ट्रिक का अप्रैल-जून तिमाही में एकीकृत घाटा सालाना आधार पर बढ़कर 347 करोड़ रुपये हो गया था. पिछले साल की अप्रैल-जून तिमाही में उसे 267 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी का शुद्ध घाटा 1,586 करोड़ रुपये था.
इलेक्ट्रिक कार बनाने की योजना पर अग्रवाल ने कहा कि हम अभी इस पर काम नहीं कर रहे हैं. हमारा लक्ष्य भारत के लिए प्रासंगिक उत्पाद बनाना और उन उत्पादों को बड़े पैमाने पर सक्षम बनाने के लिए प्रौद्योगिकियों का निर्माण करना है.